Wednesday, 11 January 2012

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विवाह तो मैंने भी ‍नहीं किया... कमल संदेश की टिप्पणी पर उमा की चुटकी


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कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के शादी नहीं करने के कथित रूप से उदास रहने संबंधी भाजपा के मुखपत्र कमल संदेश में की गई टिप्पणी पर चुटकी लेते हुए तेजतर्रार साध्वी नेता उमा भारती ने बुधवार को कहा कि विवाह तो उन्होंने भी नहीं किया और वह खुश हैं।

उमा ने भाजपा मुख्यायलय में खुशगवार बातचीत के दौरान यह बात कही। उनसे सवाल किया गया था कि ‘कमल संदेश’ में कहा गया है कि राहुल इसलिए दुखी रहते हैं कि उनका विवाह नहीं हुआ है।

साध्वी नेता ने इस सवाल पर हंसते हुए कहा कि आपने गलत व्यक्ति से यह प्रश्न किया है। विवाह तो मैंने भी नहीं किया है। ठहाकों के बीच उन्होंने कहा कि मैंने विवाह नहीं किया है और मैं बहुत संतुष्ट और खुश हूं। शादी मामले से इतर हालांकि उमा ने राहुल को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि इस गुरु -चेला जोड़ी (दिग्विजयसिंह तथा राहुल गांधी) का एक ही काम है। कभी आजमगढ़ की ‘तीर्थयात्रा’ पर जाना। कभी पैदल चल देना। कभी कहीं खड़े होकर पकौड़े खा लेना। और इस सबमें नाकाम होने के बाद ओबीसी आरक्षण कोटा में से मुसलमानों को कोटा देने का घिनौना काम कर डालना।

उन्होंने कहा कि वे यह नहीं बताएंगी कि इनमें गुरु कौन है और चेला कौन? क्योंकि ये दोनों अपनी गुरु-चेला की भूमिका को समय-समय पर बदलते भी रहते हैं।

अनिरुद्ध जोशी 'शतायु' योग और आदत स्वास्थ के लिए जरूरी आदतों से छुटकारा पाना


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जरूरी नहीं कि आप बुरी आदतों के शिकार बन गए हों और आप उन्हें छोड़ना चाहते हों। अच्छी आदतें भी नुकसान पहुंचाने वाली सिद्ध हो सकती है या कहें कि किसी भी प्रकार की आदत या लत का होना ही नुकसानदायक है।

तंबाखू और शराब के नशे के चलते व्यक्ति अति भोजन, तनाव, कुंठा, अवसाद, निराशा और नकारात्मक विचार से ग्रस्त हो जाता है। नकारात्मक विचार से जिंदगी में सबकुछ नकारात्मक ही होने लगता है। योग कहता है जैसी मति वैसी गति तो मति को बदलो।

मन और भावनाओं पर विजय प्राप्त करने में योग के अतिरिक्त इस संसार में दूसरी किसी तकनीक से मदद नहीं मिल सकती। अपनी खोई हुई आत्मशक्ति को पुन: प्राप्त करने में योग एक रामबाण औषधि का कार्य करता है।

चित्त से चिपकती आदतें : ‍हमारे मन या चित्त पर किसी भी प्रकार का आदतें चिपक सकते हैं। आदतें बनती है अभ्यास से। जैसे मंत्र जपने का अभ्यास किया तो धीरे-धीरे मंत्र जपने की आदत पड़ जाएगी। फिर जब आप मंत्र नहीं भी जप रहे होंगे तब भी आपके मन में मंत्र चलता रहता है। तब सिद्ध हुआ की दोहराव से आदतों का जन्म होता है।

यदि शराब पीने का अभ्यास किया है तो शराब एक आदत बन जाएगी और यदि दुखी रहने में आनंद को ढूंढा तो जब दुख नहीं होगा तब भी व्यक्ति स्वयं को दुखी ही महसूस करेगा। सब कुछ आदतों का खेल है और आदतें जन्मती है अभ्यास या दोहराव से। मन तो किसी भी अच्छी और बुरी बातों को पकड़ना जानता है।

कैसे छोड़े आदतें :

1.संकल्प प्रणायाम : सर्वप्रथम संकल्प लें कि आदतें छोड़ना है। फिर प्रणायाम को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। जब भी आपकी तंबाखू खाने, शराब पीने या नकारात्म विचार सोचने की इच्छा या क्रिया शुरू होती है तब आपके श्वासों की गति बदल जाती है। यदि आप इस पर ध्यान देगें तो जल्द ही समझ जाएंगे की प्रणायाम कितना जरूरी है। क्रोध आता है तब श्वासें तेज चलने लगती है और उसी वक्त आप जोर से सिर्फ एक बार भ्रस्त्रिका कर लेते हैं तो क्रोध तुरंत ही तिरोहित हो जाता है।

2.रिवर्स गियर्स : जिस तरह क्रमश: आदतों को अपने जीवन का हिस्सा बनाया है उसी तरह क्रमश: उन्हें जीवन से अलग किया जा सकता है। मान लो कि आप पहले एक दफे तंबाखू खाते थे और फिर अब चार दफे तो तीन, दो और पुन: उसे एक दफे पर लाकर छोड़ दें। यह बहुत आसान है।

3.योग पवित्रता : आप पवित्रता के बारे में सोचे और सोचे कि क्यों आप अपने शरीर और मन को अपवित्र रखना चाहते हैं। पवित्रता सभी धर्मों का मूल है जिसे योग में शौच कहा जाता है। जब भी नकारात्मक विचार आएं आप तुरंत ही एक अच्छा विचार भी सोचे और इस तरह अच्छे विचार की आदत डालें। यदि आप निरंतर योग आसन और प्रणायाम, करते हैं तो यह बहुत आसान होगा।

4.अंतत: आदमी आदतों का पुतला है। चित्त पर किसी भी प्रकार की अच्छी और बुरी आदतों का जाल नहीं होगा तो चित्त निर्दोष और निर्मल रहेगा, जिससे शरीर और मन दोनों ही स्वस्थ्‍य अनुभव करेंगे। तो ध्यान दें अपने खान-पान, अपने व्यवहार और अपने विचार पर। तीनों को ही शुद्ध और बुद्ध बनाने का प्रयास करें। इनके शुद्ध होने से सेहत और खुशी दोनों ही आपको मिलेगी।

मकर संक्रांति का संदेश! मकर संक्रांति : सूर्य, पतंग और तिळ-गुड

 
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हमारे देश में अधिकांश त्योहार महज रूढ़ियों और परंपराओं से जुड़े न होकर उनके पीछे ज्ञान, विज्ञान, कुदरत स्वास्थ्य और आयुर्वेद जैसे तमाम मुद्दे जुड़े हैं। मसलन 'मकर संक्रांति' को ही लें - पौष मास में सूर्य के मकर राशि में (तय तारीख के मुताबिक 14 जनवरी) प्रवेश के साथ मनाया जाता है। 

यूं तो सूर्य साल भर में 12 राशियों से होकर गुजरता है। लेकिन इसमें भी 'कर्क' और 'मकर' राशि में इसके प्रवेश का विशेष महत्व है। क्योंकि मकर में प्रवेश के साथ सूर्य 'उत्तरायण' हो जाता है। जिसके साथ बढ़ती गति के चलते दिन बड़ा तो रात छोटी हो जाती है। जबकि कर्क में सूर्य के 'दक्षिणायन' होने से रात बड़ी और दिन छोटा हो जाता है। 

पुराणों के मुताबिक 'उत्तरायण' का विशेष महत्व है और इस दौरान आई मृत्यु में 'मोक्ष' की प्राप्ति होती है। यही वजह रही कि महाभारत के युद्ध में भीष्म पितामह ने शरशय्या पर सूर्य के उत्तरायण होने तक इंतजार किया था।

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'मकर संक्रांति' यानी प्रकाश पर अंधकार के विजय का पर्व। मानवीय जीवन जो प्रकाश और अंधकार से घिरा है। अंधकार से प्रकाश को जाने के इस संक्रमण का दौर अज्ञान के अंधेरे में घिरे मानवी मन को ज्ञान के प्रकाश से निखार देता है। 

आप जरा इसके व्यावहारिक नजरिए पर गौर करें - ग्रामीण कहावत के मुताबिक 'धन के पंद्रह, मकर पच्चीस चिल्ला जाड़े दिन चालीस।' जाड़ा पूरे चालीस दिन का होता है। जिसमें से सूर्य के धनु राशि में रहते पंद्रह दिन ठंड अपने पूरे शबाब पर होती है। 

सूर्य के उत्तरायण होते ही दिन बड़ा होने के साथ कुदरत भी राहत महसूस करती है। वहीं तिळ-गुड आपस में मेलजोल बढ़ाने के साथ आपसी बैर-भाव भूल कर प्यार और सुलह का निर्माण करने का संदेश देता है क्योंकि मीठा बोलने से दिल खुश और सोच सकारात्मक होती है। 

कार्यकर्ता ही कांग्रेस की असली ताकत:मुख्यमंत्री हुड्डा

सिरसा -  हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस का असली मालिक उसका कार्यकर्ता है और कार्यकर्ताओं ने हमेशा कांग्रेस को मजबूत करने का कार्य किया। वे आज कांग्रेस भवन में कांग्रे्रस कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित कर रहे थे। 
उन्होंने कहा कि रतिया उपचुनाव ने देश में विकास की एक नई गति का रास्ता दिखाया है और यह तय किया है कि पूरे देश में कांग्रेस की लहर है। रतिया जीत की बधाई देते हुए मुख्यमंत्री हुड्डा ने कहा कि यहां के कार्यक्र्ताओं ने रतिया में अनथक मेहनत की थी। उन्होंने विपक्ष के नेता ओमप्रकाश चौटाला के उस बयान का समर्थन किया जिसमें उन्होंने कहा था कि रतिया का चुनाव साधारण नहीं है तथा यहां से जिस पार्टी की जीत होगी अगली सरकार उसी पार्टी की बनेगी। उन्होंने कहा कि चौटाला के बयान से ही स्पष्ट है कि हरियाणा में तीसरी बार कांग्रेस की सरकार बनेंगी। उन्होंने कहा कि पांच राज्यों में चुनाव है तथा पंजाब बिल्कुल पड़ोसी राज्य हैं अत: सभी कार्यकर्ता एकजुट होकर कार्य करें और कांग्रेस को विजयी बनाने का काम करे।                  उन्होंने कहा कि आज वे यहां बाबा प्रीतम सिंह के श्रद्धाजंलि समारोह में आए थे लेकिन उन्हें पता चला कि कांग्रेस भवन में वर्कर मीटिंग है। उन्होंने कहा कि यह सूचना पाकर मैं कांग्रेस भवन में आना अपना दायित्व समझता हूं क्योंकि कांग्रेस में मेरा पूरा खानदान रहा है। कांग्रेस भवन पहुंचने पर जिला कांग्रेस कमेटी के प्रधान मलकीयत सिंह खोसा के अलावा प्रदेश प्रतिनिधि होशियारी लाल शर्मा ने मुख्यमंत्री हुड्डा व सांसद अशोक तंवर को चांदी की गदा भेंट कर उनका स्वागत किया वहीं ब्लाक कांग्रेस के शहरी प्रधान भूपेश मेहता ने मुख्यमंत्री श्री हुड्डा को शॉल उढाकर सम्मानित किया।हुड्डा ने जिला कांग्रेस का नए वर्ष का कैलेंडर का उदघाटन किया।             
डा. तंवर ने कहा कि रतिया जीत कार्यकत्र्ताओं की मेहनत का नतीजा है। संसद के शीतकालीन सत्र में रतिया में कांग्रेस की जीत की चर्चाए रही। उन्होंने कहा कि जब-जब भी कांग्रेस कार्यकत्र्ताओं ने एकजुटता का प्रदर्शन कर चुनाव लड़ा, वहां जीत दर्ज की। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि पांच राज्यों के आसन विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जबरदस्त लहर है। कार्यकत्र्ता पंजाब,उतराखंड व उत्तरप्रदेश के चुनाव में अपनी-अपनी महती भूमिकाएं निभाएं। उन्होंने कहा कि जहां की कार्यकत्र्ताओं की रिश्तेदारियां है, वहां जाकर चुनाव में कांग्रेस की महबूती के लिए काम करें। सांसद तंवर ने सभी को नववर्ष की बधाई दी और रतिया के बाद पांच राज्यों को अगला मिशन बनाने की अपील की। 
पूर्व सांसद रणजीत सिंह ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन में यहां हरियाणा में कांग्रेस मजबूत हो रही है वहीं पांच राज्यों में यहां के कार्यक्र्ता जाकर कांग्रेस को विजयी बनाएंगे। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जसबीर सिंह रियाड़ ने भी कार्यकर्ताओं से पांच राज्यों में कांग्रेस को विजयी बनाने का आहवान किया। मंच का संचालन नवीन केडिया ने किया। इस अवसर पर गृह राज्य मंत्री गोपाल कांडा, मुख्य संसदीय सचिव प्रहलाद सिंह गिल्लाखेड़ा, पूर्व विधायक भरत सिंह बैनीवाल, पूर्व विधायक मनीराम केहरवाला, होशियारी लाल शर्मा, भूपेश मेहता, लादूराम  पूनिया, सतपाल मेहता, ओमप्रकाश केहरवाला, शीशपाल केहरवाला, मोहन लाल डरोलिया, नवीन केडिया, कृष्णा पूनिया, ऊषा दहिया, हरीश सोनी, ओपी एंथोनी, राजेश वैद,डा़ सुभाष जोधपुरिया, ब्रहमानंद शर्मा सहित अनेक कांग्रेसकार्यक्र्ता मौजूद थे।