नई दिल्ली: कंपनियां नये साल में महंगे पेट्रोल का झटका दे सकती हैं। डालर के मुकाबले कमजोर रुपये को देखते हुये पेट्रोल के दाम 2.10 से 2.13 रुपये प्रति लीटर बढ़ सकते हैं। तेल कंपनियां हर महीने की पहली और 16 तारीख को पखवाड़े के औसत आयात मूल्य के हिसाब से तेल मूल्यों की समीक्षा करती हैं।
तेल कंपनियों की सोमवार को बैठक है जिसमें माना जा रहा है कि तेल कीमजों में इजाफा हो सकता है।
हालांकि, तेल कंपनियों के समक्ष एक समस्या यह भी है कि पांच राज्यों में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने हैं। कंपनियों को पेट्रोल के दाम घटाने अथवा बढ़ाने की छूट है लेकिन फिर भी उन्हें राजनीतिक स्तर पर इसकी मंजूरी तो लेनी ही होगी।
एक अधिकारी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल के दाम तो ज्यादा नहीं बढ़े हैं, यह करीब करीब पिछले स्तर पर ही हैं लेकिन इस दौरान डालर के मुकाबले रुपये के घटकर 53 तक गिर जाने से आयात महंगा हो गया। इससे पेट्रोल के दाम 1.78 रुपये प्रति लीटर बढ़ने चाहिये। स्थानीय करों को जोड़कर यह वृद्धि 2.10 से लेकर 2.13 रुपये प्रति लीटर तक हो सकती है।
इंडियन आयल और भारत पेट्रोलियम के दिल्ली स्थित पेट्रोल पंप पर वर्तमान में पेट्रोल का दाम 65.64 और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम के पेट्रोल पंप पर 65.65 रुपये प्रति लीटर है। तेल कंपनियों ने इससे पहले 15 और 16 दिसंबर को दाम नहीं बढ़ाये। उस समय भी उन्हें एक रुपये का नुकसान हो रहा था। उन्हें लगा कि रुपये की गिरावट थामने के लिये रिजर्व बैंक के प्रयास स्थिति में सुधार लायेंगे।
इससे पहले नवंबर में तेल कंपनियों ने दो बार पेट्रोल के दाम कम किये। तेल कंपनियों ने 16 नवंबर को 2.22 रुपये और एक दिसंबर से 0.78 रुपये प्रति लीटर दाम कम किये। ये दाम 30 नवंबर को 51.50 रुपये प्रति डालर की विनिमय दर पर तय किये गये थे। इसके बाद विनिमय दर में वृद्धि का रुख रहा है।
बहरहाल, डीजल, रसोई गैस और मिट्टी तेल पर सरकार का नियंत्रण है। मौजूदा दाम पर कंपनियों को इनपर भारी घाटा उठाना पड़ रहा है। डीजल की मौजूदा कीमत पर 12.71 रुपये, राशन के मिट्टी तेल पर 29.93 रुपये और घरेलू गैस सिलेंडपर पर 326 रुपये का नुकसान वह उठा रही हैं