Tuesday, 3 January 2012

रत्न स्वयं सिद्ध ही होते हैं बचकर रहे नकली ज्योतिषियों से...


ज्योतिष ग्रहों के आधार पर व जन्म समय की कुंडलीनुसार ही भाग्य का दर्शन कराता है एवं जातक की परेशानियों को कम करने की सलाह देता है। आज हर इन्सान परेशान है, कोई नोकरी से तो कोई व्यापार से। कोई कोर्ट-कचहरी से तो कोई संतान से। कोई प्रेम में पड़ कर चमत्कारिक ज्योतिषियों के चक्कर में फँस कर धन गँवाता है। ना तो वो किसी से शिकायत कर सकता है और ना किसी को बता सकता है। इस प्रकार न जानें कितने लोग फँस जाते हैं। न काम बनता है ना पैसा मिलता है। 

आज हम देख रहे हैं ज्योतिष के नाम पर बडे़-बडे़ अनुष्ठान, हवन, पूजा-पाठ कराएँ जाते है। जबकि इस प्रकार धन व समय की बर्बादी के अलावा कुछ नहीं है। कुछ ज्योतिषगण प्रेम विवाह, मूठ, करनी, चमत्कारी नग बताकर जनता को लूट रहे है। तो कोई वशीकरण करने का दावा भरते नजर आते है जबकि ऐसा करना कानूनन अपराध है, क्योंकि पहले तो ऐसा होता ही नहीं है। 

यदि कोई दावा भरता है तो ये अपराध है। कई तो ऐसे भी है जो जेल से छुडा़ने तक का दावा भरते है, तो कोई बीमारी के इलाज का भी दावा करते है। कुछ एक तो संतान, दुश्मन बाधा आदि दूर करने के दावा भरते है। 

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कई ज्योतिषगण बगैर पढ़े, बगैर डिर्गी लिए एक बार नहीं कई बार गोल्ड मैडल पाते हैं। बड़े ताज्जुब की बा‍त है कि जिन्हें ज्योतिष का जरा भी ज्ञान नहीं है वे भी गोल्ड मैडलिस्ट बना दिए जाते है। कई तो करोड़ों मंत्रों की सि‍द्धि द्वारा रत्नों का चमत्कार करने का दावा भरते है। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है, रत्न तो स्वयं सिद्ध होते हैं। बस जरूरत है उन्हें कुंडली के अनुसार सही व्यक्तियों तक पहुँचाने की। 

असल में रत्न स्वयं सिद्ध ही होते है। रत्नों में अपनी अलग रश्मियाँ होती है और कुशल ज्योतिष ही सही रत्न की जानकारी देकर पहनाए तो रत्न अपना चमत्कार आसानी से दिखा देते है। माणिक के साथ मोती, पुखराज के साथ मोती, माणिक मूँगा भी पहनकर असीम लाभ पाया जा सकता है। 

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नीलम के साथ मूँगा पहना जाए तो अनेक मुसीबातों में ड़ाल देता है। इसी प्रकार हीरे के साथ लहसुनिया पहना जाए तो निश्चित ही दुर्घटना कराएगा ही, साथ ही वैवाहिक जीवन में भी बाधा का कारण बनेगा। पन्ना-हीरा, पन्ना-नीलम पहन सकते है। फिर भी किसी कुशल ज्योतिष की ही सलाह लें तभी इन रत्नों के चमत्कार पा सकते है।

जैसे मेष व वृश्चिक राशि वालों को मूँगा पहनना चाहिए। लेकिन मूँगा पहनना आपको नुकसान भी कर सकता है अत: जब तक जन्म के समय मंगल की स्थिति ठीक न हो तब तक मूँगा नहीं पहनना चाहिए। यदि मंगल शुभ हो तो यह साहस, पराक्रम, उत्साह प्रशासनिक क्षेत्र, पुलिस सेना आदि में लाभकारी होता है। 

वृषभ व तुला राशि वालों को हीरा या ओपल पहनना चाहिए। यदि जन्मपत्रिका में शुभ हो तो। इन रत्नों को पहनने से प्रेम में सफलता, कला के क्षेत्र में उन्नति, सौन्दर्य प्रसाधन के कार्यों में सफलता का कारक होने से आप सफल अवश्य होंगे। 

मिथुन व कन्या राशि वाले पन्ना पहनें तो सेल्समैन के कार्य में, पत्रकारिता में, प्रकाशन में, व्यापार में सफलता दिलाता है। 

सिंह राशि वालों को माणिक ऊर्जावान बनाता है व राजनीति, प्रशासनिक क्षेत्र, उच्च नौकरी के क्षेत्र में सफलता का कारक होता है। 

कर्क राशि वालों को मोती मन की शांति देता है। साथ ही स्टेशनरी, दूध दही-छाछ, चाँदी के व्यवसाय में लाभकारी होता है। 

मकर और कुंभ नीलम रत्न धारण कर सकते हैं, लेकिन दो राशियाँ होने सावधानी से पहनें। 

धनु व मीन के लिए पुखराज या सुनहला लाभदायक होता है। यह भी प्रशासनिक क्षेत्र में सफलता दिलाता है। वहीं न्याय से जुडे व्यक्ति भी इसे पहन सकते है। आपको सलाह है कि कोई भी रत्न किसी योग्य ज्योतिषी की सलाह बगैर कभी भी ना पहनें।

रत्न खरीदते समय बरतें समझदारी

 मनुष्य की सहज प्रकृति है कि वह हमेशा सुख में जीना चाहता है परंतु विधि के विधान के अनुसार धरती पर ईश्वर भी जन्म लेकर आता है तो ग्रहों की चाल के अनुसार उसे भी सुख-दुःख सहना पड़ता है। 

हम अपने जीवन में आने वाले दुःखों को कम करने अथवा उनसे बचने हेतु उपाय चाहते हैं। उपाय के तौर पर अपनी कुण्डली की जांच करवाते हैं और ज्योतिषशास्त्री की सलाह से पूजा करवाते हैं, ग्रह शांति करवाते हैं अथवा रत्न धारण करते हैं। 

रत्न पहनने के बाद कई बार परेशानियां भी आती हैं अथवा कोई लाभ नहीं मिल पाता है। इस स्थिति में ज्योतिषशास्त्री के ऊपर विश्वास डोलने लगता है। जबकि हो सकता है कि आपका रत्न सही नहीं हो। 

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वास्तव में रत्न खरीदते समय काफी समझदारी से काम लेना चाहिए क्योंकि असली और नकली रत्नों में काफी समानता रहती है जिससे गोरखधंधा के आप शिकार हो सकते हैं।

रत्न अपरिचित स्थान से नहीं खरीदना चाहिए। 

रत्न खरीदते समय ध्यान रखना चाहिए कि व्यक्ति विश्वसनीय एवं रत्नों का जानकार हो। 

रत्न खरीदने से पहले बाजार भाव का पता कर लेना इससे रत्न की सत्यता और मूल्य का वास्तविक अनुमान भी मिल जाता है। 

रत्न अगर टूटा हुआ हो अथवा उसमें दाग धब्बा हो तो कभी नहीं खरीदना चाहिए। इन रत्नों का प्रभाव कम होता है और कुछ स्थितियों में प्रतिकूल परिणाम भी देता है।

रजनीकांत ने बोला हिट तो 'कोलावेरी डी' ने मचा दी धूम... (वीडियो)

बात दक्षिण भारतीय फिल्मों की हो तो रिकॉर्ड बनना बहुत अजूबा नहीं लगता। उस पर अगर सुपरस्टाररजनीकांत किसी गीत को हिट कह दें तो उसका रिकॉर्ड तो बनना ही है। जी हां, यहां बात हो रही है इन दिनों इंटरनेट पर धूम मचाने वाले टिंगलिश गाने 'कोलावेरी डी' की। इसे गाया है तमिल एक्टर और सिंगर वेंकटेश प्रभु कस्थूरी राजा जो धनुष के नाम से मशहूर हैं। 

धनुष रजनीकांत के दामाद हैं। धनुष की पत्नी सौन्दर्या की आने वाली फिल्म 3 के इस गीत को चुपके से किसी ने इंटरनेट पर लीक कर दिया था। इंटरनेट पर आते ही यह गाना हिट हो गया। अब तक यूट्युब पर इसे लाखों हिट्स मिल चुकी हैं। इस गाने की लोकप्रियता का आलम यह है कि कई बॉलीवुड सितारों ने भी इस गाने को अपनी कॉलरट्यून बना लिया है। 

सबसे मजेदार बात है कि इस गाने ने भाषा के बंधन भी तोड़ दिए हैं। इस गाने को तमिल न समझने वाले लोग भी पसंद कर रहे हैं, क्योंकि मधुर और बेहतरीन धुन पर बना यह गाना टिंगलिश (तमिल लहजे में बोली जाने वाली इंग्लिश) में है जिसे समझना बेहद आसान है।

क्यों हिट हुआ कोलावेरी डी, 1 करोड़ से ज्यादा लोगों ने देखा... (वीडियो

टिंग्लिश गाने कोलावेरी इन दिनों हर किसी की जुबान पर चढ़ा हुआ है। तमिल फिल्म का गाना होने के बावजूद कोलावेरी को पूरे भारत में हाथों-हाथ लिया गया है। अब क इसे 1 करोड़ ी अधिक लोग देख चुके है। इसके सरल शब्दों और अंग्रेजी में दिए गए सब टाइटल्स ने तमिल न समझने वालों को भी इस गाने के बोल गुनगुनाने में सहायता की है।

इस गाने के गीतकार और गायक धनुष बताते हैं कि हालांकि उन्होंने इस गाने में कई बार फ्लॉप सांग का उल्लेख किया है लेकिन उन्हें पता था कि यह गाना जबरदस्त हिट होगा। धनुष बताते हैं कि इस गाने को लिखते समय वे बेहद खुश थे क्योंकि उसी दिन उनके बेटे ने चलना सीखा था। धनुष इस गाने की सफलता का कारण पॉजिटीविटी बताते हैं। उनका कहना है कि अगर पॉजिटीविटी से कुछ काम किया जाए तो सफलता हर हाल में मिलेगी। धनुष इस गाने की सफलता का श्रेय अपने सांउड इंजीनियर शिवा और सारी टीम को देते हैं। 

धनुष इस गाने की सफलता का श्रेय अपने सांउड इंजीनियर शिवा और सारी टीम को देते हैं। श्रुति हसन, सौन्दर्या और धनुष ने अपने फैंस को धन्यवाद देते हुए कहा कि हम आपके बेहद आभारी हैं।http://www.youtube.com/watch?v=eMbp17OUqXQ&feature=player_embeddedhttp://www.youtube.com/watch?v

कोलावेरी डी से धनुष ने दौलत नहीं कमाई

कोलावेरी डी भले ही करोड़ो लोगों की पसंद बन चुका है लेकिन इसके गीतकार और सिंगर धनुष को इस गाने से सिर्फ प्रसिद्धि मिली है। जी हां, धनुष का कहना है कि भले ही इसे मैने लिखा और गाया है लेकिन इस गाने के अधिकार सोनी म्युजिक कंपनी के पास हैं। 

मैं सोनी की अनुमति के बगैर इसका कोई अन्य वर्जन नहीं बना सकता। कोलावेरी के तमिल और हिंदी दोनों ही वर्जन पर सोनी का कॉपीराइट है। लोग भले इस गाने के कितने रूप बना ले और लाभ कमा ले पर मुझे तो केवल गाने का पैसा मिला है। हां इस गाने ने मुझे फेमस जरूर कर दिया है। 

एक टेबलॉयड को दिए इंटरव्यु में धनुष ने बताया कि भले ही इस गाने पर मेरा अधिकार नहीं लेकिन जितना भी कोलावेरी से मुझे मिला उससे मैं बेहद खुश हूं। हां इस बात से इससे सबक लेते हुए धनुष खुद की एक म्युजिक कंपनी खोलने की तैयारी कर रहे हैं।