Tuesday 31 January 2012

चार महीने बाद अपने बिछड़े हुए परिवार से मिलवाया



सिरसा-भाई कन्हैया आश्रम में एक ओर महिला को चार महीने बाद अपने बिछड़े हुए परिवार से मिलवाया है। आश्रम संचालक गुरविंद्र सिंह ने बताया कि बीते वर्ष 15 अक्तूबर को सिरसा के खैरपुर  क्षेत्र से एक प्रौढ महिला को लावारिस हालत में घूमते हुए देख कर आसपास के लोगों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने इस महिला को कन्हैया आश्रम में भिजवा दिया। उन्होंने बताया कि आश्रम में मनोरोग विशेषज्ञ डा. अमित नारंग ने इस महिला का उपचार किया तथा आश्रम के सेवादारों ने इसकी देखभाल की। उपचार के बाद इस महिला ने अपनी पहचान दलजीत कौर निवासी गिदडबाहा के रूप में करवाई। दलजीत कौर ने बताया कि उसके बेटे अरविंद्र की गिदड़बाहा बस अड्डे के पास कपड़े की दुकान है। इस पहचान के आधार पर आश्रम के सेवादार गुरमीत सिंह, बलराज सिंह बाजवा तथा गुरविंद्र सिंह इस महिला के साथ गिदडबाहा गए जहां दलजीत कौर ने अपना घर पहचान लिया। जैसे ही दलजीत कौर के घर पर दस्तक दी गई तो उसकी बेटी मनदीप कौर ने दरवाजा खोला और मां बेटी एक दूसरे को देखकर खुशी से झूम उठी। मनदीप कौर ने बताया कि करीब छह माह पहले उसकी मां दलजीत कौर मानसिक रूप से बीमार होकर घर से गायब हो गई थी तथा उनका पूरा परिवार अपनी मां को ढूंढकर थक गया। उन्होंने बताया कि अभी वे तलाश कर रहे थे और सबकुछ भगवान के भरोसे छोड़ा हुआ था आज भगवान ने उनकी सुन ली और फिर से परिवार में खुशियां लौट आई। मनदीप कौर ने भाई कन्हैया आश्रम व मानव सेवा ट्रस्ट संचालकों का दिल से आभार व्यक्त किया है।

Monday 30 January 2012

कौन बनेगा करोडपति


पहले कौन बनेगा
करोडपति में पांच करोड़ का इनाम जीतने वाले सुशील कुमार करोड़पतियों मेंशामिल हुए और अब एक और आम आदमी पंजाब स्टेट लोटरी के लोहरी बम्पर से एक करोड़ का इनाम जीत कर करोडपतियो की फेहरिस्त में शामिल हो गया.सिरसा की कालांवाली मंडी के भगत राम को जब इनाम निकलने की खबर लगी तो उसकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा.आज सारा कालांवाली उसकी ख़ुशी में ख़ुशी मना रहा है



.वही कालांवाली के लोगो की ख़ुशी के लिए भगत राम ने भी केक काट कर अपनी ख़ुशी का इज़हार किया और लोगो ने भी ढोल नगाडो के साथ नाच कर उसकी ख़ुशी को अपने साथ साँझा किया.वही कालांवाली मंडी में लड्डू और गुलाबजामुन बांटे जाने का दौर अभी भी जारी है और जशन मनाये जा रहे हैं .भगत राम ने बताया कि वो पिछले
15 सालो से लाटरी खरीद रहा है और आज भगवान ने उसकी सुन ली और उसे इनाम
में एक करोड़ की राशी मिली है,जिस से वो बहुत खुश है.अपनी ख़ुशी ज़ाहिर
करते हुए भगत राम ने कहा की वो करोडपति बनने के बाद भी अपनी पुराना सब्जी
बेचने का धंदा नहीं छोड़ेगा वो उसी प्रकार सब्जी की रेहड़ी लगाता
रहेगा.वही भगत राम ने कहा की इनाम की रकम से जहा वो अपने परिवार के लिए
घर बनाएगा वही बच्चो के लिए अच्छी शिक्षा का भी प्रबंध करेगा.इसके साथ ही
भगत राम ने कहा की वो रकम को किसी भी गलत काम में नहीं उडाएगा बल्कि इससे
धार्मिक और समाज की भलाई के लिए भी कुछ खर्च करेगा. भगत राम ने बताया कि
इनाम कि राशी उसे तीन महीने के भीतर मिल जाएगी और इसके बाद आगे से वो कभी
भी लाटरी नहीं खरीदेगा .सब्जी की रेहड़ी लगाने वाला भगत राम भगत राम करोडपति
होने के बाद भी सब्जी बेचने का धंदा नहीं छोड़ना चाहता.पंजाब स्टेट लोटरी
के लोहरी बम्पर से एक करोड़ का इनाम जीतने वाला भगत राम ख़ुशी से फुला
नहीं समा रहा और वो तमाम मंडी वालो को लड्डू बाँट कर अपनी ख़ुशी ज़ाहिर
कर रहा है.भगत राम का कहना है की लोटरी की रकम मिलने पर सबसे पहले वो
अपने परिवार के लिए एक घर बनाएगा वही अपने बच्चो को भी बेहतर शिक्षा भी
दिलाएगा.कालांवाली में स्टेशन के सामने स्थित शनि मंदिर के नज़दीक रहने
वाले भगत राम के परिवार के दिन अब बदल चुके हैं उसके परिवार में उसकी माँ
के इलावा उसकी पत्नी और तीन बच्चे हैं जिसमे दो लड़कियां और एक लड़का
है.बड़ी लड़की को आर्थिक तंगी के चलते पढ़ाई छोडनी पड़ी लेकिन अब वो फिर से
अपनी पढ़ाई शुरू कर सकेगी वही बाकि दो बच्चो को भी अच्छी शिक्षा दिला
सकेगा भगत राम.भगत राम तो करोडपति बनने पर खुश है ही लेकिन उसके संगी
साथी भी उसके करोडपति बनने की ख़ुशी में खुश नज़र आ रहे हैं.वो पिछले 15 सालो से लाटरी खरीद रहा है और आज भगवान ने उसकी सुन ली और उसे इनाम में एक करोड़ की राशी मिली है,जिस से वो बहुत खुश है.अपनी ख़ुशीज़ाहिर करते हुए भगत राम ने कहा की वो करोडपति बनने के बाद भी अपनी पुराना
सब्जी बेचने का धंदा नहीं छोड़ेगा वो उसी प्रकार सब्जी की रेहड़ी लगाता
रहेगा.वही भगत राम ने कहा की इनाम की रकम से जहा वो अपने परिवार के लिए
घर बनाएगा वही बच्चो के लिए अच्छी शिक्षा का भी प्रबंध करेगा.इसके साथ ही
भगत राम ने कहा की वो रकम को किसी भी गलत काम में नहीं उडाएगा बल्कि इस
से धार्मिक और समाज की भलाई के लिए भी कुछ खर्च करेगा. भगत राम ने बताया
कि इनाम कि राशी उसे तीन महीने के भीतर मिल जाएगी और इसके बाद आगे से वो
कभी भी लाटरी नहीं खरीदेगा .



भगत राम की पत्नी ममता ने कहा कि अब तक वो एक ही कमरे में
गुजारा कर रहे थे लेकिन लाटरी निकलने से उनका अपना खुद का घर बनाने का
सपना सच हो पायेगा,वही बच्चो को भी बेहतर शिक्षा दिलवा पाएंगे.ममता ने
कहा कि उनकी लाटरी निकलने कि ख़ुशी में बधाई देने वालो का तांता लगा हुआ
है और लोग मिठाइयाँ बाँट कर अपनी ख़ुशी ज़ाहिर कर रहे हैं.वही भगत राम की माँ शांति देवी ने कहा कि बेटे की लाटरी निकलने से वो
बहुत खुश है आज उसकी वजह से पुरे क्षेत्र ने उनका नाम हुआ है और घर की
तंगी दूर हुई है. शांति ने कहा कि पूरी जिंदगी उन्होंने आर्थिक तंगी में
गुजारी है ,इसी तंगी के चलते पढाई भी छोडनी पड़ी .शांति देवी ने कहा कि अब
लाटरी कि रकम से जहा बच्चो की पढ़ाई का प्रबंध किया जायेगा वही अपने
भाई,बहनों को भी मदद भी कर सकेंगे.

राम के भागीदार लालू ने बताया कि वो भगत राम को लाटरी के लिए मना करते थे
लेकिन भगवान की मर्ज़ी से उसे इतनी बड़ी रकम लाटरी में निकली है तो वो
बहुत खुश है और अपनी ख़ुशी को ज़ाहिर करने के लिए वो मिठाइयाँ बाँट रहा
है.लालू ने कहा की भगत राम की वजह से लोग अब उसे भी जानने लग गए हैं
वेरना उसे कौन जानता था. सब्जी बेचने वाले भगत राम को एक करोड़ का इनाम निकलने की चर्चा पुरे
इलाके में है और लोग भी एक आम आदमी को लाटरी निकलने के बाद उसे बधाईयाँ
देने के लिए उसके घर पहुँच रहे हैं वही मिठाइयाँ बांटने का दौर भी जारी है.


अपने अंदर की बुराईयों को खत्म करों, मिलेगी आपकों खुशियां

सिरसा(मनोज अरोड़ा)। एक सच्चे मुरीद के लिए इससे बड़ा कोई  त्यौहार हो नहीं सकता, जिसमें कुलमालिक ने जन्म लिया हो और जिसे साध-संगत बुराइयां त्यागने के रूप में मनाएं यह अपने आप में बेमिसाल है। उक्त उद्गार रविवार को शाह सतनाम जी धाम में आयोजित मासिक रूहानी सत्संग को सम्बोधित करते हुए पूज्य संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने कहे। इस अवसर पर पूज्य गुरूजी ने हजारों जीवों को गुरूमंत्र देकर बुराइयां न करने की शपथ दिलवाई गई। वहीं इस मौके पर पूज्य गुरू जी ने साधसंगत द्वारा लिखकर भेजे गए सवालों के जवाब देकर उनकी जिज्ञासाओं को शांत किया। 
शाह सतनाम जी धाम में आयोजित मासिक रूहानी सत्संग के भजन 'रूह गदगद हो गई है दातेया दर्शन करके तेरे' की व्याख्या करते हुए पूज्य संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने कहा कि साधसंगत इस पावन अवतार माह के महायज्ञ में अपनी अंदर की बुराइयों की आहुति डाल रही है और बुराइयों का नाश हो रहा है। पूज्य गुरू जी ने कहा कि जैसे-जैसे इंसान अपने अंदर की बुराइयों को नष्ट कर देता है तो उसे वो खुशियां मिलती है जिसकी उसने कभी कल्पना भी नहीं की होती। पूज्य गुरूजी ने कहा कि जो इंसान अपने सतगुरू के वचनों पर अमल करता है तो सतगुरू भी कोई कमी नही छोड़ता और उनकी खाली झोलियों को लबालब भर देता है। पूज्य संत जी ने कहा कि आज के इंसान की यह फितरत बन चुकी है कि अगर उसकी एक इच्छा पूरी नही होती तो पहले पूरी हुई सभी इच्छाओं को भूल जाता है और मालिक, अल्लाह, वाहेगुरू, गॉड, खुदा व रब्ब वचनों को मानना बंद कर देता है। मनमत्ते चलता है जिस कारण उसे बहुत दुख उठाने पड़ते है। इसलिए साध संगत को चाहिए कि वह गुरू के कहें अनुसार ही चले ताकि उसे दुखों, परेशानियों से छुटाकरा मिल सकें। पूज्य गुरू जी ने कहा कि इंसान जब तक सत्संग में चलकर नही आता तो उसे अच्छे-बुरे का पता नही चलता और जब वह सत्संग में आता है और सुनकर वचनों पर अमल करते है तो खुशियों से मालामाल हो जाता है। पूज्य गुरू जी ने मांसाहार व नशों की बुराइयां बतलाते हुए उनका त्याग करने का आह्वान करते हुए कहा कि इंसान का शरीर शाकाहारी है इसलिए इंसान को मांस, अण्डे का सेवन नही करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि इंसान को नशों से दूर रहना चाहिए क्योंकि नशें घरों के घर बर्बाद कर देते है। अगर आप ने नशा करना ही है तो अल्लाह, वाहगुरू, गॉड, खुदा रब्ब के नाम का करो, जो एक बार चढ़ गया तो कभी उतरेगा नही। इस मौके पर अनेक जोड़े सादगी पूर्ण ढ़ंग से दिलजोड़माला पहनाकर शादी के बंधन में बंधे। वहीं इस मौके पर सभी नवविवाहित जोड़ों के परिजनों ने जीते जी गुर्दादान, मरणोंपरांत आंखेंदान, शरीरदान के लिखित में फार्म भरे। सत्संग की समाप्ति पर हजारों नए जीवों को गुरूमंत्र देकर उन्हें बुराईयां न करने की शपथ दिलवाई गई।

पंजाब चुनाव: डेरा प्रमुख के दरबार पहुंचे 200 उम्‍मीदवार

पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अब खत्म हो चुका है। राजनीतिक दल और प्रत्याशियों की सांसे अटकी हुई हैं। हर कोई वोट बटोरने की जुगत में लगा हुआ है। पंजाब के नेता और उम्मीदवार डेरा के वोट बैंक को पाने की लालसा लिए डेरे का चक्कर लगाने लगे हैं।
 
एक अनुमान के मुताबिक, करीब 200 प्रत्याशी और नेता सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा में दस्तक दे चुके है। इनमें पंजाब के रसूखदार नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह, मनप्रीत बादल और राजिंद्र कौर का नाम प्रमुख है।
 
करीब सात वर्ष पूर्व डेरा सच्चा सौदा द्वारा गठित राजनीतिक प्रकोष्ठ पिछले विधानसभा चुनाव में पंजाब प्रदेश में अपना करिश्मा दिखा चुका है।
 
90 लाख वोटरों तक पहुंच
 
पंजाब प्रदेश के मालवा क्षेत्र में डेरा प्रेमियों की संख्या काफी है, जो जीत-हार में निर्णायक भूमिका रखते है तथा राजनीतिक प्रकोष्ठ के संकेत पर ही मतदान करते है। डेरा का दावा है कि हरियाणा में उनके 45 लाख, पंजाब में 50 लाख, राजस्थान में 35, दिल्ली में 20 तथा यूपी में करीब 30 लाख के करीब डेरा अनुयायी है। 
 
इस लिहाज से उनके अनुयायियों की संख्या करीब 1.75 करोड़ से अधिक है। इनमें वोटरों की संख्या करीब 90 लाख से अधिक है। अब राजनीतिक विंग के सहारे डेरा लोस चुनाव में अपने अपने लाखों अनुयायियों के बल पर ताकत दिखाने को बेताब हैं। 
 
डेरा के वोट बैंक की ओर जहां पंजाब के सभी राजनीतिक दलों की टकटकी लगी है तो वहीं डेरा अपने अनुयायियों की नब्ज टटोलने में जुटा हुआ है। इस सिलसिले में डेरा से पहले पंजाब में जिला लेवल पर अभियान से रायशुमारी की गई। अब डेरा की राजनीतिक विंग ने पंजाब के सभी 117 हलकों में दस्तक दी है।
 
डेरे के राजनीतिक प्रकोष्ठ द्वारा 2007 में हुए विधानसभाई चुनावों में दिखाए गए करिश्मे की बदौलत डेरा मुखी से आर्शीवाद पाने वालों की बाढ़ आ गई है। राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों ने मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए शह मात का खेल आरंभ कर दिया है।
 
डेरा सच्चा सौदा का इतिहास
 
डेरा सच्चा सौदा सरसा हरियाणा के सिरसा में स्थित है। इसकी स्थापना सन् 1948 में शाह मस्ताना जी महाराज ने की थी। ये बिलोचिस्तान (पाकिस्तान) के रहने वाले थे। बेपरवाह मस्ताना जी महाराज रूहानियत के कामिल फकीर थे। मस्ताना जी महाराज ने सामाजिक कार्य के लिए कई डेरों का निर्माण किया। दूर-दूर तक सत्संग लगाया। 
 
सन् 1960 में डेरा सच्चा सौदा की गद्दी शाह सतनाम सिंह जी महाराज को सौंप दी गई। शाह सतनाम जी महाराज ने भजन कव्वालियों व व्याखानों के 20 ग्रथों की रचना की है। आश्रम में विवाह-शादी की भी एक नई परंपरा शुरू की। 1990 को संत गुरमीत राम रहीम सिंह ने इस गद्दी को संभाला। कुछ समय में ही देश-विदेश के 3.5 करोड़ से भी अधिक लोगों को डेरा से जोड़ लिया है।

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी


सिरसा - नई अनाज मंडी स्थित गांधी पार्क में आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का बलिदान दिवस श्रद्धापूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम की शुरूआत भुवनेश गोस्वामी ने रघुपति राघव राजाराम की धुन से की। इसके पश्चात जीआरजी स्कूल के बच्चों ने गांधी जी के प्रिय भजन वैष्णवजन ते तैने कहिए, पायो जी मैनें राम रत्न धन पायो आदि मधुर स्वर में प्रस्तुत किए। इसके पश्चात स्कूल की अध्यापिकाओं के साथ स्वर मिलाते हुए बच्चों ने दे दी हमें आजादी बिना खडक बिना ढाल साबरमति के संत तूने कर दिया कमाल प्रस्तुत किया। भुवनेश गोस्वामी गांधी जी द्वारा चलाए गए हिंसा के आंदोलन से संंबंधित अनेक प्रकरण उपस्थित जनों के सम्मुख रखे। इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस के प्रतिनिधि होशियारी लाल शर्मा, वरिष्ठ भाजपा नेता जगदीश चोपड़ा, समाजसेवी सेवा सिंह नामधारी, राधाकृष्ण बंासल, कांग्रेस नेता ओमप्र्रकाश वधवा, सुशील बागला, संगीत कुमार, दलाल एसोसिएशन के प्रेम कंदोई, मार्केट कमेटी के सचिव मदन लाल सहित बड़ी संख्या में उपस्थित लोगों ने गांधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और पुष्पाजंलि भेंट की।

Friday 27 January 2012

डेरा सच्चा के नाम बने चार और विश्व रिकार्ड


डेरा सच्चा के नाम बने चार और विश्व रिकार्ड
सर्वाधिक दिल के ईको करने, बल्ड प्रेशर जांचने, कोलेस्ट्राल जांचने तथा शुगर जांच में बनाए विश्व कीर्तीमान
डेरा के नाम अब तक बने कुल 10 विश्व रिकार्ड
सिरसा। मानवता भलाई कार्यों में अग्रणी सर्वधर्म संगम डेरा सच्चा सौदा के नाम चार और विश्व कीर्तीमान जुड़ चुके है। गिनीज बुक आफ वल्र्ड रिकार्ड, इंग्लैंड से आए अधिकारी ने 23 व 24 जनवरी को आयोजित फ्री ब्लड प्रेशर, डाप्लर, डाईबिटीज तथा कोलेस्ट्रॉल जांच शिविर के दौरान बने चार विश्वरिकार्डों को मान्यता प्रदान की। गिनीज बुक आफ वल्र्ड रिकार्ड के अधिकारी श्रीमान जेक बु्रकबेंक ने पूज्य संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां को प्रमाणपत्र भेंट किए। वर्णनीय है कि इससे पूर्व रक्तदान, पौधारोपण तथा आंखों की जांच के लिए डेरा सच्चा सौदा के नाम छह गिनीज बुक आफ वल्र्ड रिकार्ड है। इस प्रकार अब तक कुल 10 वल्र्ड रिकार्ड डेरा सच्चा सौदा के नाम बन चुके है। 
डेरा सच्चा सौदा में परम पिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज के पावन अवतार माह के उपलक्ष्य में 23 व 24 जनवरी को शाह सतनाम जी रिसर्च एंड डेवेल्पमेंट फाउंडेशन द्वारा आयोजित फ्री ब्लड प्रेश व डोप्लर जांच तथा डायबीटिज व कोलेस्ट्रोल जांच शिविर में अमेरिका व देश के विभिन्न राज्यों से आए प्रख्यात चिकित्सकों द्वारा की गई जांच कार्य के दौरान दो दिनों में एक, दो नही बल्कि चार विश्व कीर्तीमान एक साथ बने। 
इंग्लैंड से आए गिनीज बुक आफ वल्र्ड रिकार्ड के समीक्षक अधिकारी (एडज्यूसिकेटर)  श्रीमान जेक बु्रकबेंक ने अपनी निगरानी में बने इस विश्व कीर्तीमानों को स्वीकार किया तथा इस विश्व रिकार्डों से संबधित प्रमाणपत्र पूज्य संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां को भेंट किए।
 श्री जेक बु्रकबेंंक ने इन विश्व रिकार्डों की घोषणा करते हुए बतलाया कि डेरा सच्चा सौदा में 23 जनवरी को आयोजित जांच शिविर में 12 घंटे में दिल के सर्वाधिक ईको करने के लिए 50 लोगों की जांच का लक्ष्य निर्धारित किया गया था परंतु डेरा में आयोजित चिकित्सा शिविर में चिकित्सकों ने रिकार्ड स्थापित करते हुए 525 लोगों की जांच की गई। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व इस तरह का कोई रिकार्ड पूरी दूनियां में नही बना है। 
 श्रीमान जेक बु्रकबेंक ने बताया कि इसके अलावा 23 जनवरी को ही 24 घंटे में रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) की जांच करने का रिकार्ड स्थापित करते हुए 14910 लोगों की जांच की गई। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व इस समयावधि में 7607 लोगों की जांच का विश्वरिकार्ड था। 
गिनीज बुक आफ वल्र्ड रिकार्ड से आए अधिकारी ने बतलाया कि डेरा सच्चा सौदा के नाम तीसरा व चौथा विश्वकीर्तीमान का रिकार्ड 24 जनवरी को आयोजित जांच शिविर में बने। उन्होंने बताया कि 24 घंटे में सर्वाधिक डाइबीटिज जांच करने का पुराना रिकार्ड  1220 लोगों का है, परंतु डेरा में आयोजित जांच शिविर में इस समयावधि में 6562 लोगों की जांच की गई। 
इसके साथ ही इस जांच शिविर में 24 घंटों में सर्वाधिक कोलेस्ट्राल जांच करने का विश्व रिकार्ड भी बना है। उन्होंने बताया कि इससे पहले 24 घंटे में 747 लोगों की जांच का रिकार्ड था परंतु डेरा में आयोजित चिकित्सा शिविर में इस शिविर में 6562 लोगों की जांच की गई।  
इस अवसर पर पूज्य संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने कहा कि इन्सांनियत की सेवा के लिए बहुत सारे रिकार्ड बनने चाहिए, पूरा संसार उनका अनुसरण करें तथा शांति फैले। उन्होंने कहा कि रिकार्ड बनाना नही बल्कि इंसानियत का भला करना ही उनका लक्ष्य है। पूज्य गुरूजी ने चिकित्सा शिविर में सेवाएं देने के लिए अमेरिका व अन्य देशों तथा भारत के विभिन्न राज्यों से आए सुपर स्पेशलिटी चिकित्सकों को अपना आशीर्वाद दिया। पूज्य गुरूजी ने कहा कि डेरा सच्चा सौदा में अनेक रिकार्ड बनते रहते है। उन्होंने बताया कि मात्र 3-4 घंटों में 1 लाख 13 लोगों ने नशा छोडऩे का प्रण लेना भी अपने आप में रिकार्ड है। श्रीमान जेक ब्रुकबेंक ने डेरा सच्चा सौदा द्वारा बनाए गए विश्व रिकार्डों के लिए बधाई दी तथा कहा कि उन्हें डेरा सच्चा सौदा में आकर बहुत अच्छा अनुभव हुआ है। 
वर्णनीय है कि डेरा सच्चा सौदा के नाम 6 विश्व कीर्तीमान है। 7 दिसम्बर 2003 को 8 घंटों में सर्वाधिक 15,432 यूनिट रक्तदान करने के लिए गिनीज बुक आफ वल्र्ड रिकार्ड में नाम दर्ज किया गया। 10 अक्तूबर 2004 को 17921 यूनिट रक्तदान करने के लिए , 8 अगस्त 2010 को मात्र 8 घंटों में 43732 यूनिट रक्तदान करने के लिए गिनीज बुक आफ वल्र्ड रिकार्ड में नाम दर्ज किया गया। 15 अगस्त 2009 को मात्र एक घंटे में 9 लाख 38 हजार 7 पौधे लगाने के लिए तथा 8 घंटों में 68 लाख 73 हजार 451 पौधे रोपित करने के लिए विश्व कीर्तीमान स्थापित हुए। 12 दिसम्बर 2010 को 4603 लोगों की जांच का सर्वाधिक आंखे जांचने का रिकार्ड भी डेरा सच्चा सौदा के नाम है। 


Tuesday 24 January 2012

पंजाब के नेता 'डेरा सच्चा सौदा' की शरण में


चंडीगढ़: पंजाब में चुनाव के गिने-चुने दिन बचे हैं लेकिन अभी तक डेरा सच्चा सौदा ने किसी भी पार्टी को समर्थन देने का ऐलान नहीं किया है. यही वजह कि तमाम बड़े नेता आजकर डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को मनाने में जुटे हैं.

गुरमीत राम रहीम के पंजाब में 35 लाख से ज्यादा अनुयायी हैं और कहते हैं मालवा इलाके में उम्मीदवार इनकी मदद से सत्ता का सुख भोगते हैं.
यही वजह है कि पंजाब के तमाम सियासी पार्टियां आजकल डेरा सच्चा सौदा के समर्थन के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं हालांकि अब तक डेरा ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं.  

पंजाब में मालवा इलाके में 68 विधानसभा सीटें हैं. यहीं से पंजाब की राजनीति तय होती है. इसी इलाके से मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और कांग्रेस के नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह आते हैं.

हालांकि डेरा सच्चा सौदा और प्रकाश सिंह बादल के बीच अच्छे ताल्लुकात नहीं हैं. अकाली-बीजेपी गठबंधन ने आरोप लगाया कि डेरा और कांग्रेस के बीच गठबंधन हो गया है और इसके बदले में डेरा ने दो राज्यसभा सीट की मांग की है. 

हालांकि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख ऐसे किसी भी आरोप को सिरे से खारिज कर रहे हैं. 

यहां दिलचस्प बात ये है कि 117 सीटों वाली पंजाब विधानसभा के 200 से ज्यादा उम्मीदवार डेरा सच्चा सौदा के दरबार में हाजरी लगा चुके हैं. इनमें कांग्रेस, बीजेपी, अकाली, पीपीपी सहित कई निर्दलिय उम्मीदवार शामिल हैं. 

Monday 23 January 2012

हरियाणा यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स


हरियाणा यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के सदस्यों ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मिलकर रेवाड़ी के पत्रकार स्व. श्री बी.डी. वर्मा के परिवार को पांच लाख रूपये की आर्थिक सहायता देने की मांग की है। इस बाबत यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष बलजीत सिंह के नेतृत्व में यूनियन के पदाधिकारियों द्वारा हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को मिलकर एक ज्ञापन सौंपा गया। इस बारे में जानकारी देते हुए हयूज के प्रदेश प्रवक्ता धीरज बजाज ने बताया कि पिछले दिनों अरावली टाइम्स के संपादक श्री बी.डी वर्मा का एक सड़क हादसे में निधन हो गया था। स्व. श्री वर्मा पिछले लम्बे अरसे से पत्रकारिता से जुड़े हुए थे।  वे अपनी बेबाक व निष्पक्ष कलम के द्वारा पुरे हरियाणा में जाने जाते थे। उन्होंने हमेशा बेदाग पत्रकारिता करते हुए जनहित के मुद्दों को उठाया ओर आमजन की आवाज शासन व प्रशासन तक पहुंचाने का काम किया। हरियाणा यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स ने इस बाबत मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर अनुरोध किया है कि वे पत्रकार कल्याण कोष से शोक संतप्त परिवार को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दे। इस मौके पर पूर्व राष्ट्रीय सचिव भूपेंद्र धर्माणी, सिरसा जिलाध्यक्ष अरुण भारद्वाज, कोषाध्यक्ष संसार भूषण दिवाकर भी उपस्थित थे।

Saturday 14 January 2012

सिरसा लोहड़ी मेला





सिरसा कि जाट धर्मशाला में पंजाबी सत्कार सभा कि और से लोहड़ी पर एक रंगारंग प्रोग्राम रखा गया | इस प्रोग्राम में मुख्या अतिथि के तोर पर कामरेड स्वर्ण सिंह विर्क ने शिरकत करते हुए प्रस्तुति देने वाले बच्चो को सम्मानित किया | प्रोग्राम में काफी संख्या  में लोगो ने पहुँच कर इस का आनंद उठाया |


 लोहड़ी पर्व पर रखे गए इस प्रोग्राम में जहा बड़ो ने अपनी आवाज के जादू से लोगो को सम्मोहित किया वही छोटे छोटे बच्चो ने भी अपनी प्रस्तुति दे कर सभी की मन  मोह लिया  | प्रोग्राम में भांगड़ा पेश कर प्रतिभागियों ने सब की वाह वाही लुटी |

बाबा रामदेव के मुंह पर शख्‍स ने पोती कालिख

दिल्‍ली में बाबा रामदेव की प्रेस कॉन्‍फ्रेंस के बाद एक शख्‍स ने उनके मुंह पर कालिख फेंक दी. बाबा के समर्थकों ने उस शख्‍स को पकड़ लिया और उसकी पिटाई कर दी.
शख्‍स को गिरफ्तार कर लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है. यह पता लगाया जा रहा है कि आखिर उसने बाबा रामदेव पर कालिख क्‍यों फेंकी.  आरोपी शख्‍स का नाम कामरान है और वह दिल्‍ली के जामिया नगर का रहने वाला है.
इस घटना के बाद भड़के रामदेव समर्थकों ने घटनास्‍थल पर राहुल गांधी हाय हाय के नारे भी लगाए. गौरतलब है कि बाबा काले धन के मुद्दे पर बाबा रामदेव ने दिल्‍ली में प्रेस कॉन्‍फ्रेंस का आयोजन किया था. इसी दौरान बटला हाउस और उससे जुड़े दिग्विजय सिंह के बयान पर बाबा से सवाल पूछा गया जिसके बाद इस शख्‍स ने बाबा रामदेव के मुंह पर कालिख फेंक दी.
बाबा के समर्थकों ने उस शख्‍स को इतना पीटा कि वो लहूलुहान हो गया. इस घटना के बाद बाबा रामदेव हक्‍के-बक्‍के रह गए. प्रत्‍यक्षदर्शियों ने बताया कि उस व्‍यक्ति के हाथ में एक वायरलेस भी और लग रहा था जैसे वो कोई पुलिस वाला है.
मुंह पर कालिख फेंके जाने की घटना के बाद बाबा रामदेव ने कहा है कि उन्‍होंने काले धन पर सरकार से जवाब मांगा था काली स्‍याही नहीं. उन्‍होंने कहा कि किसी के स्‍याही फेंक देने से किसी के चरित्र पर कोई असर नहीं होगा और हम अपनी लड़ाई पूरी दृढ़ता से जारी रखेंगे. बाबा ने कहा कि जिन्‍होंने सच की लड़ाई लड़ी है उन्‍हें इसकी कीमत चुकानी पड़ी और जालिम की प्रचृत्ति ही है जुल्‍म करना.

Thursday 12 January 2012

गुरुमंत्र : ऐसे मनवाएं अपनी बात...

लोगों को अपनी समझ से अवगत कराने और उन्हें अपनी बात से सहमत कराने का गुण सफलता प्राप्त करने का एक मूल मंत्र है। किसी को अपनी बात से राजी करने और उसे परेशान करने में एक बारीक सा फर्क है। लोगों को अपने विचार समझा पाना वाकई एक ‍कठिन काम है। इसमें आपकी जरा सी एक चूक उस व्यक्ति को परेशान कर सकती है और वह आप पर झुंझला सकता है। नीचे लिखे कुछ आसान से टिप्स अपनाकर आप आसानी से लोगों को अपनी बात से सहमत कर सकते हैं। 

1. पहले से करें तैयारी : सबसे पहले आप अपने विचारों और बातें को अच्छी तरह समझ लीजिए मसलन अगर आप किसी को इस बात से सहमत करना चाहते हैं कि एफिल टॉवर, स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी से ज्यादा लंबा है तब इससे संबंधित सारे आंकड़े पता करें सिर्फ अंदाजा न लगाएं। 

2. फील्ड को अच्छी तरह जानें : कुछ मामलों में आपको आंकड़ों से कहीं ज्यादा जानने की जरूरत रहती है। जैसे कि यदि आप यह साबित करना चाहते हैं कि स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी, एफिल टॉवर से ज्यादा सुंदर है तब इसके लिए आपको आकंड़ों के साथ-साथ उनके वास्तु-कला और सौंदर्य-शास्त्र की सारी जानकारी होना जाहिए जिससे आप अपनी बात को प्रभावी रूप से कह सकें। 

इसी तरह यदि आप किसी कार को बेचना चाहते हैं तो आपको उस कार के साथ-साथ उसकी प्रतिस्पर्धी सारी कारों की संपूर्ण जानकारी होनी आवश्यक है। 

3. नम्रतापूर्वक अपनी बात कहें : जहां तक संभव हो आई कॉनटेक्ट बनाए रखें, आपसी सम्मान की भावना बनाए रखें। ‍अगर किसी व्यक्ति को ऐसा लगता है कि आप उसका सम्मान नहीं करते तब आप उसे कभी अपनी बात से सहमत नहीं करा सकते। इसलिए अपनी बातों को नम्रतापूर्वक कहें। 

4. भरोसा हासिल करें : लोगों को अपनी बात से सहमत कराने के लिए जरूरी है उनका विश्वास जीतना, उन्हें भरोसा दिलाना कि जो आप कह रहे हैं वह सही है। इसके लिए जरूरी है कि आप विषय से संबं‍धित सारी जानकारी एकत्रित कर लें। 

5. ध्यान से सुनें : जिस व्यक्ति को आप सहमत करना चाह रहे हैं, उनकी बातों को भी सुनें, उनके ‍विचारों को भी समझें। उन्हें रियल फेक्ट्स के साथ उनके सवालों के जबाब दें।

6. संकेतों पर ध्यान दें : नॉन-वर्बल फीडबैक जैसे बात को सुनकर सिर हिलाने के संकेतों पर भी ध्यान दें।

7. अडिग रहें : अपने विश्वास पर अडिग रहें। दूसरों के विश्वास की कद्र करें। उन्हें विस्तारपूर्वक बताएं कि आपका यकीन आपके लिए इतना अहम क्यों हैं। 

8. सरल अंदाज : अपनी बात को इस अंदाज में रखें कि लोगों को उसे समझने में आसानी हो। 

9. फॉलो-अप जरूरी : बातचीत के बाद हमेशा फॉलो-अप लें। लोगों से सवाल करें ताकि आप जान सकें कि वे आपकी बात को पूरी तरह समझे हैं या नहीं।

फसल पकने के आनंद का प्रतीक है लोहड़ी

फसल पकने पर किसान की खुशी का ठिकाना नहीं रहता और इसी खुशी को जाहिर करता है लोहड़ी पर्व, जो जीवन के प्रति उल्लास को दर्शाते हुए सामाजिक जुड़ाव को मजबूत भी करता है। लोहड़ी को पंजाब और हरियाणा में विशेष उत्साह के साथ मनाया जाता है क्योंकि दोनो ही राज्य कृषि प्रधान हैं और फसल पकने की खुशी भी यहां पूरे जोश के साथ मनाई जाती है। 

पंजाब के लुधियाना में रहने वाली दर्शन कौर ने कहा ‘लोहड़ी का किसी एक जाति या वर्ग से संबंध नहीं है। हमारे पंजाब में तो हर वर्ग के लोग शाम को एकत्र होते हैं और लोहड़ी मनाते हैं। तब सामाजिक स्तर भी नहीं देखा जाता। यह पर्व फसल पकने और अच्छी खेती का प्रतीक है।’

वह कहती हैं ‘जब लोहड़ी जलाई जाती है तो उसकी पूजा गेहूं की नयी फसल की बालियों से की जाती है। हम इस पर्व को अच्छी खेती और फसल पकने का प्रतीक मानते हैं। लोहड़ी आई यानी फसल पकने लगी और फिर खेतों की रखवाली शुरू हो जाती है। बैसाखी तक पकी फसल काटने का समय आ जाता है।’

वायुसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी एस के अवलाश बताते हैं ‘इस दिन का इंतजार बेसब्री से रहता है। लोग शाम को एक जगह एकत्र होते हैं। पूजा कर लोहड़ी जलाई जाती है और इसके आसपास सात चक्कर लगाते समय आग में तिल डालते हुए, ईश्वर से धनधान्य भरपूर होने का आशीर्वाद मांगा जाता है। 

ऐसा माना जाता है कि जिसके घर पर भी खुशियों का मौका आया, चाहे विवाह के रूप में हो या संतान के जन्म के रूप में, लोहड़ी उसके घर जलाई जाएगी और लोग वहीं एकत्र होंगे।’

राजधानी के एक प्रतिष्ठित स्कूल में प्राचार्य के पद से सेवानिवृत्त तेजिंदर कौर कहती हैं ‘बड़े बुजुर्ग मानते हैं कि लोहड़ी नवविवाहितों और नवजात शिशुओं के लिए बेहद शुभ होती है। नवविवाहित जोड़े इस दिन नए कपड़े पहनते हैं। नयी बहू कलाई भर चूड़ियां, नए कपड़े पहन कर सजती है और उसे मायके तथा ससुराल से तोहफे भी मिलते हैं।’ 

दर्शन कौर कहती हैं ‘लोहड़ी अगले दिन सुबह तक जलती है। महिलाएं लोहड़ी की आंच में गुड़ और आटे के ‘मन’ पकाती हैं जिसे बड़े चाव से लोग खाते हैं। कहीं गुड़ के चावल रातभर पकाए जाते हैं और सुबह सबको बांटे जाते हैं। इस रात विशेष भोज होता है जिसमें सरसों का साग, माह की दाल, तंदूरी रोटी और मक्की की रोटी बनती है।’

ढोलक की थाप पर लोकगीतों पर गिद्दा करती महिलाएं जहां लोहड़ी को अनोखा रंग दे देती हैं वहीं ढोल बजाते हुए भांगड़ा करते पुरुष इस पर्व में समृद्ध संस्कृति की झलक दिखाते हैं। ठंड के दिनों में आग के आसपास घूम घूम कर नृत्य करते समय हाथों में रखे तिल आग में डाले जाते हैं। 

अवलाश कहते हैं, ‘लोगों के घर जा कर लोहड़ी जलाने के लिए लकड़ियां मांगी जाती हैं और दुल्ला भट्टी के गीत गाए जाते हैं। कहते हैं कि महराजा अकबर के शासन काल में दुल्ला भट्टी एक लुटेरा था लेकिन वह हिंदू लड़कियों को गुलाम के तौर पर बेचे जाने का विरोधी था। उन्हें बचा कर वह उनकी हिंदू लड़कों से शादी करा देता था। उसे लोग पसंद करते थे। लोहड़ी गीतों में उसके प्रति आभार व्यक्त किया जाता है।’

उन्होंने बताया ‘कुछ लोग मानते हैं कि संत कबीर की पत्नी लोई की याद में यह पर्व मनाया जाता है। इसीलिए इसे लोई भी कहा जाता है।’ लोहड़ी पौष माह के आखिरी दिन मनाई जाती है और यह अगले दिन यानी माघ के पहले दिन तक जलती रहती है।

लोहड़ी की लकड़ियों के बीच गोबर की एक छोटी ढेरी रखी जाती है और इसे ही लोहड़ी माना जाता है। पूजा के बाद लोहड़ी जलाई जाती है और छोटे बड़ों के पैर छू कर आशीर्वाद लेते हैं। प्रसाद के तौर पर रेवड़ी, पॉपकार्न, मूंगफली, गुड़ और गजक बांटी जाती है। लोग यह भी मानते हैं कि लोहड़ी ठंड की विदाई का प्रतीक है। (भाषा)

Wednesday 11 January 2012

LOHRI FUNCTION


विवाह तो मैंने भी ‍नहीं किया... कमल संदेश की टिप्पणी पर उमा की चुटकी


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कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के शादी नहीं करने के कथित रूप से उदास रहने संबंधी भाजपा के मुखपत्र कमल संदेश में की गई टिप्पणी पर चुटकी लेते हुए तेजतर्रार साध्वी नेता उमा भारती ने बुधवार को कहा कि विवाह तो उन्होंने भी नहीं किया और वह खुश हैं।

उमा ने भाजपा मुख्यायलय में खुशगवार बातचीत के दौरान यह बात कही। उनसे सवाल किया गया था कि ‘कमल संदेश’ में कहा गया है कि राहुल इसलिए दुखी रहते हैं कि उनका विवाह नहीं हुआ है।

साध्वी नेता ने इस सवाल पर हंसते हुए कहा कि आपने गलत व्यक्ति से यह प्रश्न किया है। विवाह तो मैंने भी नहीं किया है। ठहाकों के बीच उन्होंने कहा कि मैंने विवाह नहीं किया है और मैं बहुत संतुष्ट और खुश हूं। शादी मामले से इतर हालांकि उमा ने राहुल को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि इस गुरु -चेला जोड़ी (दिग्विजयसिंह तथा राहुल गांधी) का एक ही काम है। कभी आजमगढ़ की ‘तीर्थयात्रा’ पर जाना। कभी पैदल चल देना। कभी कहीं खड़े होकर पकौड़े खा लेना। और इस सबमें नाकाम होने के बाद ओबीसी आरक्षण कोटा में से मुसलमानों को कोटा देने का घिनौना काम कर डालना।

उन्होंने कहा कि वे यह नहीं बताएंगी कि इनमें गुरु कौन है और चेला कौन? क्योंकि ये दोनों अपनी गुरु-चेला की भूमिका को समय-समय पर बदलते भी रहते हैं।

अनिरुद्ध जोशी 'शतायु' योग और आदत स्वास्थ के लिए जरूरी आदतों से छुटकारा पाना


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जरूरी नहीं कि आप बुरी आदतों के शिकार बन गए हों और आप उन्हें छोड़ना चाहते हों। अच्छी आदतें भी नुकसान पहुंचाने वाली सिद्ध हो सकती है या कहें कि किसी भी प्रकार की आदत या लत का होना ही नुकसानदायक है।

तंबाखू और शराब के नशे के चलते व्यक्ति अति भोजन, तनाव, कुंठा, अवसाद, निराशा और नकारात्मक विचार से ग्रस्त हो जाता है। नकारात्मक विचार से जिंदगी में सबकुछ नकारात्मक ही होने लगता है। योग कहता है जैसी मति वैसी गति तो मति को बदलो।

मन और भावनाओं पर विजय प्राप्त करने में योग के अतिरिक्त इस संसार में दूसरी किसी तकनीक से मदद नहीं मिल सकती। अपनी खोई हुई आत्मशक्ति को पुन: प्राप्त करने में योग एक रामबाण औषधि का कार्य करता है।

चित्त से चिपकती आदतें : ‍हमारे मन या चित्त पर किसी भी प्रकार का आदतें चिपक सकते हैं। आदतें बनती है अभ्यास से। जैसे मंत्र जपने का अभ्यास किया तो धीरे-धीरे मंत्र जपने की आदत पड़ जाएगी। फिर जब आप मंत्र नहीं भी जप रहे होंगे तब भी आपके मन में मंत्र चलता रहता है। तब सिद्ध हुआ की दोहराव से आदतों का जन्म होता है।

यदि शराब पीने का अभ्यास किया है तो शराब एक आदत बन जाएगी और यदि दुखी रहने में आनंद को ढूंढा तो जब दुख नहीं होगा तब भी व्यक्ति स्वयं को दुखी ही महसूस करेगा। सब कुछ आदतों का खेल है और आदतें जन्मती है अभ्यास या दोहराव से। मन तो किसी भी अच्छी और बुरी बातों को पकड़ना जानता है।

कैसे छोड़े आदतें :

1.संकल्प प्रणायाम : सर्वप्रथम संकल्प लें कि आदतें छोड़ना है। फिर प्रणायाम को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। जब भी आपकी तंबाखू खाने, शराब पीने या नकारात्म विचार सोचने की इच्छा या क्रिया शुरू होती है तब आपके श्वासों की गति बदल जाती है। यदि आप इस पर ध्यान देगें तो जल्द ही समझ जाएंगे की प्रणायाम कितना जरूरी है। क्रोध आता है तब श्वासें तेज चलने लगती है और उसी वक्त आप जोर से सिर्फ एक बार भ्रस्त्रिका कर लेते हैं तो क्रोध तुरंत ही तिरोहित हो जाता है।

2.रिवर्स गियर्स : जिस तरह क्रमश: आदतों को अपने जीवन का हिस्सा बनाया है उसी तरह क्रमश: उन्हें जीवन से अलग किया जा सकता है। मान लो कि आप पहले एक दफे तंबाखू खाते थे और फिर अब चार दफे तो तीन, दो और पुन: उसे एक दफे पर लाकर छोड़ दें। यह बहुत आसान है।

3.योग पवित्रता : आप पवित्रता के बारे में सोचे और सोचे कि क्यों आप अपने शरीर और मन को अपवित्र रखना चाहते हैं। पवित्रता सभी धर्मों का मूल है जिसे योग में शौच कहा जाता है। जब भी नकारात्मक विचार आएं आप तुरंत ही एक अच्छा विचार भी सोचे और इस तरह अच्छे विचार की आदत डालें। यदि आप निरंतर योग आसन और प्रणायाम, करते हैं तो यह बहुत आसान होगा।

4.अंतत: आदमी आदतों का पुतला है। चित्त पर किसी भी प्रकार की अच्छी और बुरी आदतों का जाल नहीं होगा तो चित्त निर्दोष और निर्मल रहेगा, जिससे शरीर और मन दोनों ही स्वस्थ्‍य अनुभव करेंगे। तो ध्यान दें अपने खान-पान, अपने व्यवहार और अपने विचार पर। तीनों को ही शुद्ध और बुद्ध बनाने का प्रयास करें। इनके शुद्ध होने से सेहत और खुशी दोनों ही आपको मिलेगी।

मकर संक्रांति का संदेश! मकर संक्रांति : सूर्य, पतंग और तिळ-गुड

 
मकर संक्रांति,
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हमारे देश में अधिकांश त्योहार महज रूढ़ियों और परंपराओं से जुड़े न होकर उनके पीछे ज्ञान, विज्ञान, कुदरत स्वास्थ्य और आयुर्वेद जैसे तमाम मुद्दे जुड़े हैं। मसलन 'मकर संक्रांति' को ही लें - पौष मास में सूर्य के मकर राशि में (तय तारीख के मुताबिक 14 जनवरी) प्रवेश के साथ मनाया जाता है। 

यूं तो सूर्य साल भर में 12 राशियों से होकर गुजरता है। लेकिन इसमें भी 'कर्क' और 'मकर' राशि में इसके प्रवेश का विशेष महत्व है। क्योंकि मकर में प्रवेश के साथ सूर्य 'उत्तरायण' हो जाता है। जिसके साथ बढ़ती गति के चलते दिन बड़ा तो रात छोटी हो जाती है। जबकि कर्क में सूर्य के 'दक्षिणायन' होने से रात बड़ी और दिन छोटा हो जाता है। 

पुराणों के मुताबिक 'उत्तरायण' का विशेष महत्व है और इस दौरान आई मृत्यु में 'मोक्ष' की प्राप्ति होती है। यही वजह रही कि महाभारत के युद्ध में भीष्म पितामह ने शरशय्या पर सूर्य के उत्तरायण होने तक इंतजार किया था।

Makar
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'मकर संक्रांति' यानी प्रकाश पर अंधकार के विजय का पर्व। मानवीय जीवन जो प्रकाश और अंधकार से घिरा है। अंधकार से प्रकाश को जाने के इस संक्रमण का दौर अज्ञान के अंधेरे में घिरे मानवी मन को ज्ञान के प्रकाश से निखार देता है। 

आप जरा इसके व्यावहारिक नजरिए पर गौर करें - ग्रामीण कहावत के मुताबिक 'धन के पंद्रह, मकर पच्चीस चिल्ला जाड़े दिन चालीस।' जाड़ा पूरे चालीस दिन का होता है। जिसमें से सूर्य के धनु राशि में रहते पंद्रह दिन ठंड अपने पूरे शबाब पर होती है। 

सूर्य के उत्तरायण होते ही दिन बड़ा होने के साथ कुदरत भी राहत महसूस करती है। वहीं तिळ-गुड आपस में मेलजोल बढ़ाने के साथ आपसी बैर-भाव भूल कर प्यार और सुलह का निर्माण करने का संदेश देता है क्योंकि मीठा बोलने से दिल खुश और सोच सकारात्मक होती है। 

कार्यकर्ता ही कांग्रेस की असली ताकत:मुख्यमंत्री हुड्डा

सिरसा -  हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस का असली मालिक उसका कार्यकर्ता है और कार्यकर्ताओं ने हमेशा कांग्रेस को मजबूत करने का कार्य किया। वे आज कांग्रेस भवन में कांग्रे्रस कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित कर रहे थे। 
उन्होंने कहा कि रतिया उपचुनाव ने देश में विकास की एक नई गति का रास्ता दिखाया है और यह तय किया है कि पूरे देश में कांग्रेस की लहर है। रतिया जीत की बधाई देते हुए मुख्यमंत्री हुड्डा ने कहा कि यहां के कार्यक्र्ताओं ने रतिया में अनथक मेहनत की थी। उन्होंने विपक्ष के नेता ओमप्रकाश चौटाला के उस बयान का समर्थन किया जिसमें उन्होंने कहा था कि रतिया का चुनाव साधारण नहीं है तथा यहां से जिस पार्टी की जीत होगी अगली सरकार उसी पार्टी की बनेगी। उन्होंने कहा कि चौटाला के बयान से ही स्पष्ट है कि हरियाणा में तीसरी बार कांग्रेस की सरकार बनेंगी। उन्होंने कहा कि पांच राज्यों में चुनाव है तथा पंजाब बिल्कुल पड़ोसी राज्य हैं अत: सभी कार्यकर्ता एकजुट होकर कार्य करें और कांग्रेस को विजयी बनाने का काम करे।                  उन्होंने कहा कि आज वे यहां बाबा प्रीतम सिंह के श्रद्धाजंलि समारोह में आए थे लेकिन उन्हें पता चला कि कांग्रेस भवन में वर्कर मीटिंग है। उन्होंने कहा कि यह सूचना पाकर मैं कांग्रेस भवन में आना अपना दायित्व समझता हूं क्योंकि कांग्रेस में मेरा पूरा खानदान रहा है। कांग्रेस भवन पहुंचने पर जिला कांग्रेस कमेटी के प्रधान मलकीयत सिंह खोसा के अलावा प्रदेश प्रतिनिधि होशियारी लाल शर्मा ने मुख्यमंत्री हुड्डा व सांसद अशोक तंवर को चांदी की गदा भेंट कर उनका स्वागत किया वहीं ब्लाक कांग्रेस के शहरी प्रधान भूपेश मेहता ने मुख्यमंत्री श्री हुड्डा को शॉल उढाकर सम्मानित किया।हुड्डा ने जिला कांग्रेस का नए वर्ष का कैलेंडर का उदघाटन किया।             
डा. तंवर ने कहा कि रतिया जीत कार्यकत्र्ताओं की मेहनत का नतीजा है। संसद के शीतकालीन सत्र में रतिया में कांग्रेस की जीत की चर्चाए रही। उन्होंने कहा कि जब-जब भी कांग्रेस कार्यकत्र्ताओं ने एकजुटता का प्रदर्शन कर चुनाव लड़ा, वहां जीत दर्ज की। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि पांच राज्यों के आसन विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जबरदस्त लहर है। कार्यकत्र्ता पंजाब,उतराखंड व उत्तरप्रदेश के चुनाव में अपनी-अपनी महती भूमिकाएं निभाएं। उन्होंने कहा कि जहां की कार्यकत्र्ताओं की रिश्तेदारियां है, वहां जाकर चुनाव में कांग्रेस की महबूती के लिए काम करें। सांसद तंवर ने सभी को नववर्ष की बधाई दी और रतिया के बाद पांच राज्यों को अगला मिशन बनाने की अपील की। 
पूर्व सांसद रणजीत सिंह ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन में यहां हरियाणा में कांग्रेस मजबूत हो रही है वहीं पांच राज्यों में यहां के कार्यक्र्ता जाकर कांग्रेस को विजयी बनाएंगे। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जसबीर सिंह रियाड़ ने भी कार्यकर्ताओं से पांच राज्यों में कांग्रेस को विजयी बनाने का आहवान किया। मंच का संचालन नवीन केडिया ने किया। इस अवसर पर गृह राज्य मंत्री गोपाल कांडा, मुख्य संसदीय सचिव प्रहलाद सिंह गिल्लाखेड़ा, पूर्व विधायक भरत सिंह बैनीवाल, पूर्व विधायक मनीराम केहरवाला, होशियारी लाल शर्मा, भूपेश मेहता, लादूराम  पूनिया, सतपाल मेहता, ओमप्रकाश केहरवाला, शीशपाल केहरवाला, मोहन लाल डरोलिया, नवीन केडिया, कृष्णा पूनिया, ऊषा दहिया, हरीश सोनी, ओपी एंथोनी, राजेश वैद,डा़ सुभाष जोधपुरिया, ब्रहमानंद शर्मा सहित अनेक कांग्रेसकार्यक्र्ता मौजूद थे।

Tuesday 10 January 2012

लोहड़ी का त्यौहार बड़े ही उत्साह से मनाया



 लोहड़ी का त्यौहार पुरे उत्तर भारत में १३ जनवरी को बड़े ही उत्साह से मनाया जाता है,लेकिन सिरसा की महिलाओ की समिति ने लोहड़ी के इस त्यौहार को  सिरसा में अपने ही  अंदाज़ से मनाया.लोहरी के इस कार्यक्रम में महिलाओं के साथ साथ बच्चो ने भी खूब मज़ा लिया.









 लोहड़ी का त्यौहार पुरे उत्तर भारत में १३ जनवरी को बड़े ही उत्साह से मनाया जाता है,लेकिन सिरसा की महिलाओ की समिति ने लोहड़ी के इस त्यौहार को  सिरसा में अपने ही  अंदाज़ से मनाया.लोहरी के इस कार्यक्रम में महिलाओं के साथ साथ बच्चो ने भी खूब मज़ा लिया.



                                 लोहड़ी के इस कार्यक्रम का आयोजन सिरसा की महिला समिति द्वारा किया गया जिसमे काफी संख्या में महिलाओं और बच्चो ने हिस्सा लिया .इस कार्यक्रम में महिलाओं और बच्चो के मनोरंजन के लिए कई गेमो का आयोजन भी किया गया.गेमो में तम्बोला,म्यूजिकल चेयर,व् कई रोमांचक गेमो को शामिल किया गया.कार्यक्रम में महिलाए पंजाबी गीतों की धुनों पर खूब नाची वही गेमो में विजेता रहने वालो को पुरूस्कार स्वरुप उपहार भी दिए गए.

Monday 9 January 2012

‘फैमिली गेट टू गैदर

हरियाणा यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स ·ी ओर से 14 जनवरी, शनिवार ·ो सुरखाब पर्यटन स्थल, सिरसा में लोहड़ी एवं म·र स·्रांति ·े उपलक्ष्य में ‘फैमिली गेट टू गैदर’ ·ार्य·्रम आयोजित ·िया जाएगा। इस अवसर पर पत्र·ारों ·े अलावा शहर ·ी जानी मानी हस्तियां अपने परिवार सहित शिर·त ·रेंगी। यह जान·ारी देते हुए यूनियन ·े जिलाध्यक्ष अरुण भारद्वाज व जिला महासचिव धीरज बजाज ने बताया ·ि यह ·ार्य·्रम आपसी भाईचारे ·ो बढ़ावा देने व तनाव ग्रस्त माहौल ·ो मिटाने ·े लिए ·िया जा रहा है। उन्होंने बताया ·ि इस समारोह ·ा मुख्य म·सद जहां पत्र·ारों ·े परिवारों ·ो आपस में रू-ब-रू ·रवाना है वहीं समारोह ·े दौरान उनमे छिपी प्रतिभा ·ो भी ए· मंच प्रदान ·रना है। उन्होंने बताया ·ि यूनियन ·ी और से हमेशा ऐसे ·ार्य·्रम आयोजित ·िए जाते है। उन्होंने बताया ·ि इस मौ·े पर पारिवारि· माहौल में क्विज प्रतियोगिताएं व अन्य रोच· जैसे तंबोला, म्यूजि·ल चेयर आदि होंगे। वहीं इस ·ार्य·्रम में पंजाबी सभ्याचार· मेला, मशहूर ·ला·ार संजीव शाद व पंजाबी संगीत·ार रविंद्र नूर अपनी विशेष प्रस्तुतियां देंगे।

सिरसा में एनएसएस ·7 सात दिवसीय शिविर

सिरसा, -राज·ीय माडल संस्·ृति वरिष्ठ माध्यमि· विद्यालय सिरसा में एनएसएस ·े सात दिवसीय शिविर ·े तीसरे दिन एनएसएस यूनिट ए· व दो ·े स्वयं सेव·ों ने  ईश्वर स्तुति ·े साथ शुरूआत ·ी। 12 वीं ·े छात्र संदीप ने सभी स्वयं सेव·ों ·ी तरफ से विश्व शांति ·ी प्रार्थना ·ी तथा इस·े बाद गूंजे गगन में, मह·े पवन में सदभावना  नाम· गीत प्रस्तुत ·िया। विद्यालयों में पौधारोपण ·ा ·ार्य ·िया गया तथा पौधों ·ी देखभाल ·े लिए विशेष सफाई अभियान चलाया गया। विद्यालय ·े प्राचार्य नरेश सिंगला ने ·हा ·ि स्वच्छ वातावरण व शुद्ध  पर्यावरण ही मनुष्य ·े अस्तित्व ·ो बचा स·ता है। इसलिए ज्यादा से ज्यादा पेड पौधों ·ो लगाना चाहिए और उन·ी रक्षा ·रनी चाहिए। भोजन उपरांत स्वयं सेव·ों ने विद्यालय ·ैंपस ने पानी ·ी टं·ी ·ो साफ ·िया। शिविर  प्रभारी अरविंद शर्मा व देवेंद्र शर्मा ने स्वयं सेव·ों जल संरक्षण ·ा सं·ल्प दिलाया। शिविर में विशेष जान·ारी देने ·ी ·डी में सुनील ·ुमार प्रवक्ता राजनीति शास्त्र ने स्वयं सेव·ों ·ो मौलि· अधि·ारों ·ा वर्तमान परिप्रेक्ष्य में उपयोग विषय पर जान·ारी दी। इस अवसर पर महेंद्र मेहता, ओपी सचदेवा, दर्शन शर्मा व अन्य अध्याप· भी मौजूद थे।

दुनिया खत्म होने की आशंका के बीच मनाया नववर्ष 2012 में दुनिया खत्म हो जाने की आशंका


विश्व भर के अवाम ने पर्थ से लेकर वॉशिंगटन तक अलग-अलग समय पर अपने अपने अंदाज में बाहें फैलाकर जश्न मनाकर 2012 के उस वर्ष का स्वागत किया जिसमें दुनिया के खत्म हो जाने की आशंकाएं लंबे वक्त से की जाती रही हैं।

पृथ्वी के सुदूर पूर्व में स्थित देशों ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और दक्षिण प्रशांत में पड़ने वाले टापू देशों ने वर्ष 2012 का सबसे पहले स्वागत किया। जैसे-जैसे रात की खामोशी के बीच वक्त सरकर पश्चिम के देशों की ओर बढ़ रहा था वैसे-वैसे आसमान में रंगीन आतिशबाजी से उसका स्वागत किया गया। विश्व के 2012 में खत्म हो जाने की आशंकाएं पुराने समय से आस्तित्व में रही हैं।

माया सभ्यता के अनुसार 21 दिसंबर 2012 को पूरा विश्व एक जलजले में खत्म हो जाएगा। माया सभ्यता में मान्यता थी कि दुनिया 5125 वर्ष पुरानी है और 21 दिसंबर को कुछ ऐसा बड़ा होगा जो इस दुनिया के अंत का सबब बनेगा। लातिन भविष्यवक्ता नास्त्रेदामस ने भी 500 वर्ष पहले कुछ ऐसी ही भविष्यवाणी की थी। हालांकि ऐसा लग रहा था कि दुनिया के खत्म होने की आशंकाओं के बीच लोग जिंदगी का जश्न मना लेना चाहते हों।

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ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर पर जहां बादलों का आकार लिए हुए आतिशबाजी और उसके बीच में सिडनी ब्रिज को इंद्रधनुष जैसा जगमगा कर नववर्ष का जश्न मनाया गया, वहीं भयंकर राजनीतिक उथल-पुथल के केंद्र में चल रही रूस की राजधानी मास्को के आसमान पर सुर्ख आतिशबाजी ने जगह ली। 

अमेरिका में न्यूयॉर्क के टाइम्स स्कावयर पर भी हजारों लोग बीते वर्ष को विदाई देने के लिए जमा हुए थे। कई न्यूयॉर्क वासी शनिवार सुबह से ही पार्टी में पहनी जाने वाली टोपियां और 2012 के चश्मे लगाकर घूमते देखे गए थे।

न्यूयार्क का मौसम भी आम दिनों के मुकाबले काफी खुशनुमा और गर्म था। चीन की संवाद एजेंसी शिन्हुआ ने बताया कि नववर्ष के अवसर पर एक बड़ी संख्या में इंटरनेट उपभोक्ताओं ने इंटरनेट की मदद से दुनिया के अंत जैसे विषयों पर सर्च किया। 

हालांकि दुनिया के खत्म होने की इस अटकलबाजी के बीच अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी (नासा) ने इस बारे में लोगों का भय दूर करते हुए कहा कि दुनिया को 2012 में कुछ भी नहीं होने जा रहा है।