Thursday 5 January 2012

क्या है ज्वालामुखी

अभी पिछले दिनों एक ज्वालामुखी फटा। यह दक्षिण अमेरिकी देश इक्वाडोर का 'तुंगुरा हुआ' था। बाढ़ आना हमारे देश में सामान्य बात है। साल दो साल में भूकम्प भी आ जाते हैं। ज्वालामुखी से हम बचे हुए हैं। ज्वालामुखी भी अजीब होते हैं। किसी देश में तो ये बिलकुल नहीं होते। कहीं जरा से द्वीप पर कुंडली मारे बैठे रहते हैं। कई देशों में तो दर्जन से ऊपर भी हो सकते हैं। जापान, दक्षिण अमेरिका, मेक्सिको, अलास्का में समुद्र किनारे एक कतार में हैं।

दुनिया के इतिहास में पिछले दस हजार वर्षों में 627 जागृत ज्वालामुखी होना दर्ज है। बीसवीं शताब्दी में 74000 छोटे-बड़े ज्वालामुखी फटने की जानकारी है। जापान के माउंट फूजी, इटली के विसूवियस, सिसली के इटना और अमेरिका के सेंट हेलेना के नाम हम-आप भूगोल की पुस्तकों में पढ़ते रहे हैं।

चाय पीजिए हार्टअटैक और मधुमेह से दूर रहिए

चाय के बड़े फायदे होते हैं और अब एक नए शोध में इसकी पुष्टि की गई है। रोजाना तीन कप चाय पीने वाले व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ने और मधुमेह होने का खतरा बेहद कम हो जाता है।

शोध में कहा गया है कि रोजाना चाय की चुस्की लेने से धमनियों में रक्त का थक्का बनने की आशंका लगभग खत्म हो जाती है और रक्तचाप भी नियंत्रण बना रहता है।

समाचार पत्र ‘डेली एक्सप्रेस’ के मुताबिक डॉक्टर कैरी रक्सटन और डॉक्टर पामेला मैसन के नेतृत्व में किए गए शोध में कहा गया है कि रोजाना तीन कप चाय पीने से दिल का दौरा पड़ने का खतरा 60 फीसदी तक कम हो जाता है और मधुमेह का खतरा भी घट जाता है।

शोधकर्ताओं का कहना है कि जो लोग रोजाना तीन से छह कप चाय पीने वाले लोगों में दिल की बीमारी का खतरा 30 से 57 फीसदी तक कम हो सकती है।

डॉक्टर रक्सटन ने कहा कि हमारे अध्ययन में पता चला है कि काली चाय पीने से टाइप 2 के मधुमेह का खतरा कम हो सकता है। इसके लिए रोजाना एक से पांच कप काली चाय पीने की जरूरत है।

वैज्ञानिकों ने की 390 कपालों की जांच मानव कपाल के संबंध में अनूठी जानकारियां


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वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि मानव कपाल अत्यधिक एकीकृत है और उसे एक हिस्से में आने वाले किसी भी बदलाव का असर पूरे कपाल पर पड़ता है। 

इवोल्यूशन पत्रिका में प्रकाशित खबर के मुताबिक, यूनिवर्सिटिज ऑफ मैनचेस्टर और बार्सिलोना के दल मानव कपालों के विशिष्ट संग्रह का अध्ययन कर रहे हैं। 

उन्होंने अपने अध्ययन में पाया कि मानव कपाल में बदलाव समय के साथ-साथ स्वतंत्र तरीके से हुआ है। इस शोध के लिए वैज्ञानिकों के इन दलों ने 390 कपालों की जांच की।

शोधकर्ता और मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी के डॉक्टर क्रिस क्लिंजनबर्ग का कहना है कि हमने पाया कि कपाल में आनुवांशिक विविधिता बहुत ज्यादा एकीकृत है। इसलिए अगर कपाल के एक हिस्से में कोई बदालव आता है तो उसके कारण पूरे कपाल में बदलाव आता है।
संबंधित जानकारी

नई समुद्री प्रजातियों की दुनिया खोजी समुद्री जीवों की नई कॉलोनी

ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने अंटार्कटिका के समुद्र में लगभग 8 हजार फुट नीचे ऐसी नई समुद्री प्रजातियों की दुनिया खोजी है, जो जिंदा रहने के लिए सूरज से नहीं, बल्कि समुद्र में होने वाले ज्वालामुखी से ऊर्जा लेते हैं।

ऑक्सफोर्ड और साउथएम्प्टन यूनिवर्सिटी और ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वे की टीम ने अंटार्कटिका समुद्री जीवों की कॉलोनी खोजी है, जिनमें केकड़े, ऑक्टोपस और स्टारफिश शामिल हैं। इनमें केकड़ों के सीने में घुंघराले बाल मिले हैं, जबकि आम केकड़ों में ये नहीं होते हैं। विज्ञान के लिए यह पूरी तरह नई बात है कि ये सारे जीव पूरी तरह अंधेरी दुनिया में जी रहे हैं।

इन समुद्री प्रजातियों के अस्तित्व इस मायने में उल्लेखनीय है कि ये समुद्र के भीतर होने वाले ज्वालामुखी के मुहाने पर विचरते पाए गए हैं। समुद्र के भीतर होने वाली ज्वालामुखी की घटना को हाइड्रोथर्मल वेंट्स कहा जाता है और इसमें काले धुएं का गुबार निकलता है, जो समुद्र के तापमान को 380 डिग्री तक पहुंचा देता है, जो सीसा को पिघलाने के लिए काफी है। 

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द डेली मेल अखबार के अनुसार नई प्रजातियां जहां विचरती हैं, वहां सूरज की रोशनी नहीं पहुंच पाती है। वे पूरी तरह अंधेरे में जी रहे हैं। उन्हें ऊर्जा सूरज से नहीं, बल्कि ज्वालामुखी के धुएं से निकलने वाले अत्यंत ही जहरीलों रसायनों से मिलती है। यूनिवर्सिटी ऑफ साउथएम्पटन में भू व समुद्र विज्ञान के प्रोफेसर जॉन कापले ने कहा कि अंटार्कटिका में हाईड्रोथर्मल वेंट्स की खोज और वहां समुद्री जीवों का विचरण पहली बार खोजा गया है।

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में जीव विज्ञान के प्रोफेसर व टीम के प्रमुख एलेक्स रोजर्स ने कहा कि केकड़ों के सीनों में घुंघराले बालों में लाखों की संख्या में जीवाणु मिले हैं, जो केकड़ों को जिंदा रखने में मदद करते हैं। ये जीव समुद्र में और कहीं हाईड्रोथर्मल वेंट्स के आसपास मिले जीवों से एकदम अलग है।

रोजर्स के अनुसार समुद्र के भीतर समुद्री जीवों की यह दुनिया ऐसे लगती है, जैसे किसी और ग्रह से आई हो। इसे देखना बहुत ही मजेदार है। ये दुनिया देखना बहुत ही मजेदार है।

पत्नी की मौत, पति ने ली डॉक्टर की जान

तमिलनाडु में अपनी गर्भवर्ती पत्नी की मौत हो जाने पर एक व्यक्ति ने इलाज कर रही महिला चिकित्सक को मार डाला। व्यक्ति का आरोप है कि महिला डॉक्टर ने इलाज में लापरवाही बरती जिसके कारण उसकी पत्नी की मौत हुई।

पुलिस के अनुसार छह माह से गर्भवती महिला को 30 दिसंबर को दर्द की शिकायत होने पर क्लीनिक लाया गया था, जहां उसकी हालत और गंभीर हो गई। किसी अन्य अस्पताल में ले जाते वक्त रास्ते में ही महिला की मौत हो गई।

अपनी पत्नी की मौत से आहत पति गुस्से में दो जनवरी की सुबह महिला डॉकटर के क्लीनिक पर पहुंचा और उसकी हत्या कर दी। इस दौरान उसके साथ आए तीन अन्य साथी क्लीनिक के बाहर ही उसका इंतजार करते रहे।

इस हादसे के बाद सरकारी और निजी चिकित्सकों ने धरना दिया और पुलिस ने हत्याभियुक्तों को हिरासत में ले लिया। तमिलनाडु सरकारी चिकित्सक संघ ने बुधवार को राज्यव्यापी हड़ताल आयोजित करने की घोषणा की है हालांकि इस दौरान इमंरजेंसी सुविधाओं पर असर नहीं पड़ेगा।

बच्चे को ट्रॉली से बांध कर घसीटा चलती गाड़ी से खींचा था गन्ना

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में महज एक गन्ना लेने पर बारह साल के एक लड़के को टैक्टर-ट्रॉली से बांध कर करीब डेढ़ किलोमीटर तक सडक पर खींचा गया जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि टाडीयावा थाने के कचनारी गांव के राकेश कुमार ने पुलिस को सूचना दी कि उसके बेटे सोनेलाल ने पिसावा रोड से गुजर रही गन्ने से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली से एक गन्ना खींच लिया तो ट्रॉली में सवार लोगों ने सोनेलाल को पकड़ लिया और उसका पैर रस्सी से ट्रॉली में बांधकर उसे उल्टा लटका दिया और ट्रॉली को सड़क पर दौड़ा दिया।

जब लोगों ने सड़क पर रगड़ते बच्चे को चिल्लाते देखा तो लोग ट्रॉली के पीछे दौड़ पड़े और एक कार सवार की मदद से ट्रैक्टर ट्रॉली का पीछा करके बच्चे को मुक्त कराया। इस दौरान ट्रैक्टर पर सवार लोग मौके से भाग निकले। बच्चे को गंभीर हालत में उपचार के लिए भेजा गया है।

पुलिस ने ट्रैक्टर ट्रॉली को कब्जे में ले लिया है। ट्रैक्टर जल्पिपुर गांव का बताया जा रहा है। पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है।