Monday, 30 January 2012

कौन बनेगा करोडपति


पहले कौन बनेगा
करोडपति में पांच करोड़ का इनाम जीतने वाले सुशील कुमार करोड़पतियों मेंशामिल हुए और अब एक और आम आदमी पंजाब स्टेट लोटरी के लोहरी बम्पर से एक करोड़ का इनाम जीत कर करोडपतियो की फेहरिस्त में शामिल हो गया.सिरसा की कालांवाली मंडी के भगत राम को जब इनाम निकलने की खबर लगी तो उसकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा.आज सारा कालांवाली उसकी ख़ुशी में ख़ुशी मना रहा है



.वही कालांवाली के लोगो की ख़ुशी के लिए भगत राम ने भी केक काट कर अपनी ख़ुशी का इज़हार किया और लोगो ने भी ढोल नगाडो के साथ नाच कर उसकी ख़ुशी को अपने साथ साँझा किया.वही कालांवाली मंडी में लड्डू और गुलाबजामुन बांटे जाने का दौर अभी भी जारी है और जशन मनाये जा रहे हैं .भगत राम ने बताया कि वो पिछले
15 सालो से लाटरी खरीद रहा है और आज भगवान ने उसकी सुन ली और उसे इनाम
में एक करोड़ की राशी मिली है,जिस से वो बहुत खुश है.अपनी ख़ुशी ज़ाहिर
करते हुए भगत राम ने कहा की वो करोडपति बनने के बाद भी अपनी पुराना सब्जी
बेचने का धंदा नहीं छोड़ेगा वो उसी प्रकार सब्जी की रेहड़ी लगाता
रहेगा.वही भगत राम ने कहा की इनाम की रकम से जहा वो अपने परिवार के लिए
घर बनाएगा वही बच्चो के लिए अच्छी शिक्षा का भी प्रबंध करेगा.इसके साथ ही
भगत राम ने कहा की वो रकम को किसी भी गलत काम में नहीं उडाएगा बल्कि इससे
धार्मिक और समाज की भलाई के लिए भी कुछ खर्च करेगा. भगत राम ने बताया कि
इनाम कि राशी उसे तीन महीने के भीतर मिल जाएगी और इसके बाद आगे से वो कभी
भी लाटरी नहीं खरीदेगा .सब्जी की रेहड़ी लगाने वाला भगत राम भगत राम करोडपति
होने के बाद भी सब्जी बेचने का धंदा नहीं छोड़ना चाहता.पंजाब स्टेट लोटरी
के लोहरी बम्पर से एक करोड़ का इनाम जीतने वाला भगत राम ख़ुशी से फुला
नहीं समा रहा और वो तमाम मंडी वालो को लड्डू बाँट कर अपनी ख़ुशी ज़ाहिर
कर रहा है.भगत राम का कहना है की लोटरी की रकम मिलने पर सबसे पहले वो
अपने परिवार के लिए एक घर बनाएगा वही अपने बच्चो को भी बेहतर शिक्षा भी
दिलाएगा.कालांवाली में स्टेशन के सामने स्थित शनि मंदिर के नज़दीक रहने
वाले भगत राम के परिवार के दिन अब बदल चुके हैं उसके परिवार में उसकी माँ
के इलावा उसकी पत्नी और तीन बच्चे हैं जिसमे दो लड़कियां और एक लड़का
है.बड़ी लड़की को आर्थिक तंगी के चलते पढ़ाई छोडनी पड़ी लेकिन अब वो फिर से
अपनी पढ़ाई शुरू कर सकेगी वही बाकि दो बच्चो को भी अच्छी शिक्षा दिला
सकेगा भगत राम.भगत राम तो करोडपति बनने पर खुश है ही लेकिन उसके संगी
साथी भी उसके करोडपति बनने की ख़ुशी में खुश नज़र आ रहे हैं.वो पिछले 15 सालो से लाटरी खरीद रहा है और आज भगवान ने उसकी सुन ली और उसे इनाम में एक करोड़ की राशी मिली है,जिस से वो बहुत खुश है.अपनी ख़ुशीज़ाहिर करते हुए भगत राम ने कहा की वो करोडपति बनने के बाद भी अपनी पुराना
सब्जी बेचने का धंदा नहीं छोड़ेगा वो उसी प्रकार सब्जी की रेहड़ी लगाता
रहेगा.वही भगत राम ने कहा की इनाम की रकम से जहा वो अपने परिवार के लिए
घर बनाएगा वही बच्चो के लिए अच्छी शिक्षा का भी प्रबंध करेगा.इसके साथ ही
भगत राम ने कहा की वो रकम को किसी भी गलत काम में नहीं उडाएगा बल्कि इस
से धार्मिक और समाज की भलाई के लिए भी कुछ खर्च करेगा. भगत राम ने बताया
कि इनाम कि राशी उसे तीन महीने के भीतर मिल जाएगी और इसके बाद आगे से वो
कभी भी लाटरी नहीं खरीदेगा .



भगत राम की पत्नी ममता ने कहा कि अब तक वो एक ही कमरे में
गुजारा कर रहे थे लेकिन लाटरी निकलने से उनका अपना खुद का घर बनाने का
सपना सच हो पायेगा,वही बच्चो को भी बेहतर शिक्षा दिलवा पाएंगे.ममता ने
कहा कि उनकी लाटरी निकलने कि ख़ुशी में बधाई देने वालो का तांता लगा हुआ
है और लोग मिठाइयाँ बाँट कर अपनी ख़ुशी ज़ाहिर कर रहे हैं.वही भगत राम की माँ शांति देवी ने कहा कि बेटे की लाटरी निकलने से वो
बहुत खुश है आज उसकी वजह से पुरे क्षेत्र ने उनका नाम हुआ है और घर की
तंगी दूर हुई है. शांति ने कहा कि पूरी जिंदगी उन्होंने आर्थिक तंगी में
गुजारी है ,इसी तंगी के चलते पढाई भी छोडनी पड़ी .शांति देवी ने कहा कि अब
लाटरी कि रकम से जहा बच्चो की पढ़ाई का प्रबंध किया जायेगा वही अपने
भाई,बहनों को भी मदद भी कर सकेंगे.

राम के भागीदार लालू ने बताया कि वो भगत राम को लाटरी के लिए मना करते थे
लेकिन भगवान की मर्ज़ी से उसे इतनी बड़ी रकम लाटरी में निकली है तो वो
बहुत खुश है और अपनी ख़ुशी को ज़ाहिर करने के लिए वो मिठाइयाँ बाँट रहा
है.लालू ने कहा की भगत राम की वजह से लोग अब उसे भी जानने लग गए हैं
वेरना उसे कौन जानता था. सब्जी बेचने वाले भगत राम को एक करोड़ का इनाम निकलने की चर्चा पुरे
इलाके में है और लोग भी एक आम आदमी को लाटरी निकलने के बाद उसे बधाईयाँ
देने के लिए उसके घर पहुँच रहे हैं वही मिठाइयाँ बांटने का दौर भी जारी है.


अपने अंदर की बुराईयों को खत्म करों, मिलेगी आपकों खुशियां

सिरसा(मनोज अरोड़ा)। एक सच्चे मुरीद के लिए इससे बड़ा कोई  त्यौहार हो नहीं सकता, जिसमें कुलमालिक ने जन्म लिया हो और जिसे साध-संगत बुराइयां त्यागने के रूप में मनाएं यह अपने आप में बेमिसाल है। उक्त उद्गार रविवार को शाह सतनाम जी धाम में आयोजित मासिक रूहानी सत्संग को सम्बोधित करते हुए पूज्य संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने कहे। इस अवसर पर पूज्य गुरूजी ने हजारों जीवों को गुरूमंत्र देकर बुराइयां न करने की शपथ दिलवाई गई। वहीं इस मौके पर पूज्य गुरू जी ने साधसंगत द्वारा लिखकर भेजे गए सवालों के जवाब देकर उनकी जिज्ञासाओं को शांत किया। 
शाह सतनाम जी धाम में आयोजित मासिक रूहानी सत्संग के भजन 'रूह गदगद हो गई है दातेया दर्शन करके तेरे' की व्याख्या करते हुए पूज्य संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने कहा कि साधसंगत इस पावन अवतार माह के महायज्ञ में अपनी अंदर की बुराइयों की आहुति डाल रही है और बुराइयों का नाश हो रहा है। पूज्य गुरू जी ने कहा कि जैसे-जैसे इंसान अपने अंदर की बुराइयों को नष्ट कर देता है तो उसे वो खुशियां मिलती है जिसकी उसने कभी कल्पना भी नहीं की होती। पूज्य गुरूजी ने कहा कि जो इंसान अपने सतगुरू के वचनों पर अमल करता है तो सतगुरू भी कोई कमी नही छोड़ता और उनकी खाली झोलियों को लबालब भर देता है। पूज्य संत जी ने कहा कि आज के इंसान की यह फितरत बन चुकी है कि अगर उसकी एक इच्छा पूरी नही होती तो पहले पूरी हुई सभी इच्छाओं को भूल जाता है और मालिक, अल्लाह, वाहेगुरू, गॉड, खुदा व रब्ब वचनों को मानना बंद कर देता है। मनमत्ते चलता है जिस कारण उसे बहुत दुख उठाने पड़ते है। इसलिए साध संगत को चाहिए कि वह गुरू के कहें अनुसार ही चले ताकि उसे दुखों, परेशानियों से छुटाकरा मिल सकें। पूज्य गुरू जी ने कहा कि इंसान जब तक सत्संग में चलकर नही आता तो उसे अच्छे-बुरे का पता नही चलता और जब वह सत्संग में आता है और सुनकर वचनों पर अमल करते है तो खुशियों से मालामाल हो जाता है। पूज्य गुरू जी ने मांसाहार व नशों की बुराइयां बतलाते हुए उनका त्याग करने का आह्वान करते हुए कहा कि इंसान का शरीर शाकाहारी है इसलिए इंसान को मांस, अण्डे का सेवन नही करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि इंसान को नशों से दूर रहना चाहिए क्योंकि नशें घरों के घर बर्बाद कर देते है। अगर आप ने नशा करना ही है तो अल्लाह, वाहगुरू, गॉड, खुदा रब्ब के नाम का करो, जो एक बार चढ़ गया तो कभी उतरेगा नही। इस मौके पर अनेक जोड़े सादगी पूर्ण ढ़ंग से दिलजोड़माला पहनाकर शादी के बंधन में बंधे। वहीं इस मौके पर सभी नवविवाहित जोड़ों के परिजनों ने जीते जी गुर्दादान, मरणोंपरांत आंखेंदान, शरीरदान के लिखित में फार्म भरे। सत्संग की समाप्ति पर हजारों नए जीवों को गुरूमंत्र देकर उन्हें बुराईयां न करने की शपथ दिलवाई गई।

पंजाब चुनाव: डेरा प्रमुख के दरबार पहुंचे 200 उम्‍मीदवार

पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अब खत्म हो चुका है। राजनीतिक दल और प्रत्याशियों की सांसे अटकी हुई हैं। हर कोई वोट बटोरने की जुगत में लगा हुआ है। पंजाब के नेता और उम्मीदवार डेरा के वोट बैंक को पाने की लालसा लिए डेरे का चक्कर लगाने लगे हैं।
 
एक अनुमान के मुताबिक, करीब 200 प्रत्याशी और नेता सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा में दस्तक दे चुके है। इनमें पंजाब के रसूखदार नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह, मनप्रीत बादल और राजिंद्र कौर का नाम प्रमुख है।
 
करीब सात वर्ष पूर्व डेरा सच्चा सौदा द्वारा गठित राजनीतिक प्रकोष्ठ पिछले विधानसभा चुनाव में पंजाब प्रदेश में अपना करिश्मा दिखा चुका है।
 
90 लाख वोटरों तक पहुंच
 
पंजाब प्रदेश के मालवा क्षेत्र में डेरा प्रेमियों की संख्या काफी है, जो जीत-हार में निर्णायक भूमिका रखते है तथा राजनीतिक प्रकोष्ठ के संकेत पर ही मतदान करते है। डेरा का दावा है कि हरियाणा में उनके 45 लाख, पंजाब में 50 लाख, राजस्थान में 35, दिल्ली में 20 तथा यूपी में करीब 30 लाख के करीब डेरा अनुयायी है। 
 
इस लिहाज से उनके अनुयायियों की संख्या करीब 1.75 करोड़ से अधिक है। इनमें वोटरों की संख्या करीब 90 लाख से अधिक है। अब राजनीतिक विंग के सहारे डेरा लोस चुनाव में अपने अपने लाखों अनुयायियों के बल पर ताकत दिखाने को बेताब हैं। 
 
डेरा के वोट बैंक की ओर जहां पंजाब के सभी राजनीतिक दलों की टकटकी लगी है तो वहीं डेरा अपने अनुयायियों की नब्ज टटोलने में जुटा हुआ है। इस सिलसिले में डेरा से पहले पंजाब में जिला लेवल पर अभियान से रायशुमारी की गई। अब डेरा की राजनीतिक विंग ने पंजाब के सभी 117 हलकों में दस्तक दी है।
 
डेरे के राजनीतिक प्रकोष्ठ द्वारा 2007 में हुए विधानसभाई चुनावों में दिखाए गए करिश्मे की बदौलत डेरा मुखी से आर्शीवाद पाने वालों की बाढ़ आ गई है। राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों ने मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए शह मात का खेल आरंभ कर दिया है।
 
डेरा सच्चा सौदा का इतिहास
 
डेरा सच्चा सौदा सरसा हरियाणा के सिरसा में स्थित है। इसकी स्थापना सन् 1948 में शाह मस्ताना जी महाराज ने की थी। ये बिलोचिस्तान (पाकिस्तान) के रहने वाले थे। बेपरवाह मस्ताना जी महाराज रूहानियत के कामिल फकीर थे। मस्ताना जी महाराज ने सामाजिक कार्य के लिए कई डेरों का निर्माण किया। दूर-दूर तक सत्संग लगाया। 
 
सन् 1960 में डेरा सच्चा सौदा की गद्दी शाह सतनाम सिंह जी महाराज को सौंप दी गई। शाह सतनाम जी महाराज ने भजन कव्वालियों व व्याखानों के 20 ग्रथों की रचना की है। आश्रम में विवाह-शादी की भी एक नई परंपरा शुरू की। 1990 को संत गुरमीत राम रहीम सिंह ने इस गद्दी को संभाला। कुछ समय में ही देश-विदेश के 3.5 करोड़ से भी अधिक लोगों को डेरा से जोड़ लिया है।

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी


सिरसा - नई अनाज मंडी स्थित गांधी पार्क में आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का बलिदान दिवस श्रद्धापूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम की शुरूआत भुवनेश गोस्वामी ने रघुपति राघव राजाराम की धुन से की। इसके पश्चात जीआरजी स्कूल के बच्चों ने गांधी जी के प्रिय भजन वैष्णवजन ते तैने कहिए, पायो जी मैनें राम रत्न धन पायो आदि मधुर स्वर में प्रस्तुत किए। इसके पश्चात स्कूल की अध्यापिकाओं के साथ स्वर मिलाते हुए बच्चों ने दे दी हमें आजादी बिना खडक बिना ढाल साबरमति के संत तूने कर दिया कमाल प्रस्तुत किया। भुवनेश गोस्वामी गांधी जी द्वारा चलाए गए हिंसा के आंदोलन से संंबंधित अनेक प्रकरण उपस्थित जनों के सम्मुख रखे। इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस के प्रतिनिधि होशियारी लाल शर्मा, वरिष्ठ भाजपा नेता जगदीश चोपड़ा, समाजसेवी सेवा सिंह नामधारी, राधाकृष्ण बंासल, कांग्रेस नेता ओमप्र्रकाश वधवा, सुशील बागला, संगीत कुमार, दलाल एसोसिएशन के प्रेम कंदोई, मार्केट कमेटी के सचिव मदन लाल सहित बड़ी संख्या में उपस्थित लोगों ने गांधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और पुष्पाजंलि भेंट की।