Sunday 5 February 2012

जल है जीवन की तरंग

पानी का हमारे जीवन में क्या महत्व है, इस बात को कोई भी झुठला नहीं सकता। पानी के बिना सृष्टि का निर्माण नहीं किया जा सकता, क्योंकि जल ही जीवन है। जल के बिना जीवन की क ल्पना ही नहीं की जा सकती। आज यदि हमें यह कहा जाए कि किस समस्या का सामना हमें सबसे ज्यादा करना पड़ रहा है तो हमारा जवाब होगा कि पानी की समस्या हमारे लिए एक निंदनीय बनता जा रहा है। महंगाई की समस्या के साथ शायद हम जूझ सकेंंं लेकिन पानी की समस्या का सामना करना हमारे बस में नहीं है। पानी का स्तर आज इतना नीचे पहुंच गया है कि यह स्तर लुप्त होने के कगार पर खड़ा है। इस स्तर को हम कब खो दे इस बात का हम अंदाजा भी नहीं लगा सकते। यह समस्या केवल एक व्यक्ति की समस्या नहीं है, बल्कि पूरे देश की समस्या बनती जा रही है। गुजरात, महाराष्ट्र तथा दिल्ली जैसे क्षेत्रों में पीने के लिए पानी भी कीमत चुकाकर लेना पडता है। जब इन क्षेत्रों में पानी की इतनी कमी हो तो आने वाले समय में आप इस आत का अंदाजा लगा सकते हैं कि पानी की कितनी कमी खल सकती है। एक दिन ऐसा समय आएगा, जब पानी की एक-एक बूंद के लिए व्यक्ति को मोहताज होना पड़ सकता हैे। वो समय दूर नहीं जब पानी के लिए भाई भाई का दुश्मन बन जाएगा। पानी के गिरते हुए स्तर का सबसे बड़ा कारण यह है कि घरों व फैक्ट्रियों में पानी का बहुत अधिक मात्रा में दुरूपयोग किया जा रहा है। आप ने कभी इस बात का अंदाजा लगाया है कि जो पानी आप व्यर्थ में बहा देते हैं, वह पानी कितने लोगों के काम आ सकता है। उस बहे हुए पानी की एक-एक बूंद से कितने लोगों की जि़ंदगी को बचाया जा सकता है। पानी की इस बढ़ती कमी के कारण क्या संकट पैदा हो सकता है इस बात का आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते। आज हमें इस बात की शपथ लेनी होगी कि पानी का व्यर्थ प्रयोग नहीं करेंगे तथा पानी की अधिक मात्रा को बचाकर रखेंगे। हम केवल स्वयं पानी की बचत नहीं करेंगेे बल्कि दूसरों को भी इसकी बचत के लिए पे्ररित करेंगे। यदि कोई व्यक्ति पानी का दुरूपयोग करता है तो हमारा कर्तव्य बनता है कि हम उसे इसकी कमी का ज्ञान करवाएं ताकि वह पानी के दुरूपयोग को कम करे। लोगों को जागरूक करके ही हम पानी की कमी से होने वाली इस समस्या से बच सकते हैं। इस समस्या से बचकर ही हम राष्ट्र को समृद्ध तथा विकसित देश बना सकते हैं।