एक अप्रैल को रवि पुष्य नक्षत्र के मध्याह्न काल में दशरथ नंदन भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव मनेगा। इस दिन चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि, वार रविवार, पुष्य नक्षत्र, सुकर्मा योग तथा कौलव करण के साथ सर्वार्थ सिद्घि योग का दिव्य संयोग भी है।
भारतीय मानक समय व स्थानीय रेखांश के आधार पर नक्षत्र मेखला की गणना से देखें तो गत 68 सालों में ऐसा शुभ संयोग केवल 9 बार ही बना है। यह 10वीं बार होगा, जब पंचाग के 5 अंगों की शुभ घड़ी में रामलला जन्मोत्सव मनेगा।
ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला के अनुसार इसी प्रकार की शुभ घड़ी में ही मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जन्म हुआ था।
कब-कब बना संयोग
सन् 1944, 54, 68, 71, 78, 81, 85, 95, 98 तथा 2002 के बाद इस वर्ष 2012 को ऐसा दिव्य संयोग बना है। अगले सात वर्षों के बाद सन् 2019 में ऐसा ही शुभ संयोग बनेगा।
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