Friday, 6 January 2012

आरुषि हत्याकांड : तलवार दंपत्ति पर मुकदमा

दंत रोग चिकित्सक दंपति राजेश और नुपुर तलवार को एक बड़ा झटका देते हुए उच्चतम न्यायालय ने तलवार दंपति की पुत्री आरुषि की हत्या के मामले में दोनों पर मुकदमा चलाने को हरी झंडी दे दी।

न्यायमूर्ति एके गांगुली और न्यायमूर्ति जेएस खेखर की पीठ ने इस दंपति की याचिका को खारिज कर दिया। तलवार दंपति ने खुद के खिलाफ चलाई जाने वाली आपराधिक कार्रवाई को रद्द करने की याचिका दायर की थी। मजिस्ट्रेट के दंपति पर मुकदमा चलाने के आदेश में कुछ भी गलत नहीं है।

निचली अदालत के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए पीठ ने कहा कि मजिस्ट्रेट ने अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए फैसला दिया है।

पीठ ने कहा कि हम याचिका को खारिज करते हैं। इसके साथ ही पीठ ने स्पष्ट किया कि आज के आदेश से आरोपियों के खिलाफ चलाए जाने वाले मुकदमे में कोई पूर्वाग्रह नहीं पाला जाना चाहिए।

तलवार दंपति की 14 वर्षीय इकलौती पुत्री आरुषि 15-16 मई, 2008 की दरमियानी रात नोएडा स्थित अपने घर में मृत पाई गई थी। परिवार के घरेलू नौकर हेमराज का शव भी अगले दिन घर की छत पर मिला था।

शुरुआत में इस मामले की जांच उत्तर प्रदेश पुलिस ने की थी। उत्तर प्रदेश पुलिस ने 23 मई, 2008 को आरुषि के पिता राजेश तलवार को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद 29 मई, 2008 को जांच सीबीआई को सौंप दी गई। गाजियाबाद की अदालत ने 11 जुलाई, 2008 को राजेश तलवार को जमानत दे दी।

सीबीआई ने ढाई साल की जांच के बाद गाजियाबाद की विशेष सीबीआई अदालत में इस मामले में यह कहते हुए क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी कि उसे ऐसा कोई सबूत नहीं मिला, जिससे तलवार दंपति पर मुकदमा चलाया जा सके।

गाजियाबाद की निचली अदालत ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा कि दंपत्ति पर मुकदमा चलाने के लिए रिपोर्ट में प्रथमदृष्टया कई तत्व मौजूद हैं।

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