Friday, 6 January 2012

दसवीं में फेल हुए, पिता ने दी दावत


BBC
एक बार मेरे पिताजी मुझे एक मंहगे होटल में लेकर गए, जहां हम तीन-चार महीनों में एक बार ही जाते थे।

पिताजी ने अपने लिए और मेरे लिए खाना मंगवाया और खाने के बाद मुस्कुराते हुए बिल दे दिया।

मैंने अपने पिताजी से पूछा, 'क्या आपका प्रोमोशन हुआ है।'

मेरे पिताजी ने कहा नहीं।

फिर मैंने अपने पिताजी से कहा, 'क्या आपने रिश्वत ली है।'

उनका जवाब फिर ना था।

मैंने पूछा, 'ये तो बताइए कि आख़िर हुआ क्या है।'

तो मेरे पिताजी ने मुस्कुराते हुए कहा, 'तुम दसवीं कक्षा में फेल हो गए हो।'

मैंने आश्चर्यचकित होकर कहा, 'और आप जश्न मना रहे हैं।'

मेरे पिताजी ने कहा, 'मैं तुम्हारी असफलता का जश्न मना रहा हूँ ताकि जिंदगी में जब कभी भी तुम असफल हो तो चिंता मत करना।'

दसवीं कक्षा में फेल होने वाले ये छात्र थे बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर और इस वाकिए ने अनुपम खेर के दिल से असफलता के डर को हमेशा के लिए निकाल दिया।

अनुपम खेर ने ये वाक्या मुंबई में अपनी किताब 'द बेस्ट इन यू इज यू' के विमोचन के मौके पर सुनाया। अनुपम खेर ने अपनी जिंदगी के कई पहलुओं से प्रेरणा लेते हुए इस किताब को लिखा है। हिन्दी फिल्म जगत के सुपर स्टार अमिताभ बच्चन ने इस किताब का विमोचन किया। 

इस मौके पर अमिताभ ने कहा, 'अनुपम के व्यक्तित्व के बारे में बात करने के लिए इस तरह का मौका शायद कम पड़े, उनके बारे में बात करने के लिए मुझे कई दिन चाहिए।'

अपनी किताब के शीर्शक के बारे में अनुपम कहते हैं, 'आज की दुनिया में जब आपको सब डराने की कोशिश में लगे हुए हैं। आज की दुनिया की मार्केटिंग आपको हर पल अहसास करवाती रहती है कि आप से बेहतर कई और है। आप कितनी भी बड़ी सफलता हासिल कर लें वो कम है। तो मुझे लगता है कि आपको ताकत अपने आप से ही मिल सकती है क्योंकि अगर आपके अंदर एक कायर है तो आपके अंदर ही एक बहादुर इंसान भी है।'

इस मौके पर अनुपम खेर की पत्नी किरन खेर भी मौजूद थी।

किरन खेर ने कहा, 'अनुपम को मैं तब से जानती हूँ जब हम सिर्फ दोस्त हुआ करते थे। जब कभी मैं भावनात्मक रुप से कमजोर महसूस करती थी, तब वो ही मेरा मनोबल बढ़ाते थे। तो मुझे लगता है कि इस तरह की किताब लिखने के लिए अनुपम ही उपयुक्त हैं।'

No comments: