मनुष्य की सहज प्रकृति है कि वह हमेशा सुख में जीना चाहता है परंतु विधि के विधान के अनुसार धरती पर ईश्वर भी जन्म लेकर आता है तो ग्रहों की चाल के अनुसार उसे भी सुख-दुःख सहना पड़ता है।
हम अपने जीवन में आने वाले दुःखों को कम करने अथवा उनसे बचने हेतु उपाय चाहते हैं। उपाय के तौर पर अपनी कुण्डली की जांच करवाते हैं और ज्योतिषशास्त्री की सलाह से पूजा करवाते हैं, ग्रह शांति करवाते हैं अथवा रत्न धारण करते हैं।
रत्न पहनने के बाद कई बार परेशानियां भी आती हैं अथवा कोई लाभ नहीं मिल पाता है। इस स्थिति में ज्योतिषशास्त्री के ऊपर विश्वास डोलने लगता है। जबकि हो सकता है कि आपका रत्न सही नहीं हो।
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वास्तव में रत्न खरीदते समय काफी समझदारी से काम लेना चाहिए क्योंकि असली और नकली रत्नों में काफी समानता रहती है जिससे गोरखधंधा के आप शिकार हो सकते हैं।
रत्न अपरिचित स्थान से नहीं खरीदना चाहिए।
रत्न खरीदते समय ध्यान रखना चाहिए कि व्यक्ति विश्वसनीय एवं रत्नों का जानकार हो।
रत्न खरीदने से पहले बाजार भाव का पता कर लेना इससे रत्न की सत्यता और मूल्य का वास्तविक अनुमान भी मिल जाता है।
रत्न अगर टूटा हुआ हो अथवा उसमें दाग धब्बा हो तो कभी नहीं खरीदना चाहिए। इन रत्नों का प्रभाव कम होता है और कुछ स्थितियों में प्रतिकूल परिणाम भी देता है।
हम अपने जीवन में आने वाले दुःखों को कम करने अथवा उनसे बचने हेतु उपाय चाहते हैं। उपाय के तौर पर अपनी कुण्डली की जांच करवाते हैं और ज्योतिषशास्त्री की सलाह से पूजा करवाते हैं, ग्रह शांति करवाते हैं अथवा रत्न धारण करते हैं।
रत्न पहनने के बाद कई बार परेशानियां भी आती हैं अथवा कोई लाभ नहीं मिल पाता है। इस स्थिति में ज्योतिषशास्त्री के ऊपर विश्वास डोलने लगता है। जबकि हो सकता है कि आपका रत्न सही नहीं हो।
रत्न अपरिचित स्थान से नहीं खरीदना चाहिए।
रत्न खरीदते समय ध्यान रखना चाहिए कि व्यक्ति विश्वसनीय एवं रत्नों का जानकार हो।
रत्न खरीदने से पहले बाजार भाव का पता कर लेना इससे रत्न की सत्यता और मूल्य का वास्तविक अनुमान भी मिल जाता है।
रत्न अगर टूटा हुआ हो अथवा उसमें दाग धब्बा हो तो कभी नहीं खरीदना चाहिए। इन रत्नों का प्रभाव कम होता है और कुछ स्थितियों में प्रतिकूल परिणाम भी देता है।
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