यह बात सुनने में आपको अजीब लग सकती है लेकिन आपके दिमाग में फेसबुक जैसा कुछ तत्व है जो आपके सोशल नेटवर्क को संचालित करता है।
एक नए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि मस्तिष्क में बादाम के आकार का एक ऐसा प्रमस्तिष्कखंड होता है जो यह तय करता है कि व्यक्ति कितने दोस्त बना सकता है। यह खंड जितना बड़ा होगा व्यक्ति के दोस्तों का नेटवर्क उतना ही बड़ा होगा।
एक अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने 19 से 83 वर्ष के लोगों से प्रश्नावली के माध्यम से पूछा कि उसके कितने दोस्त हैं या कितने समूह से वह संबद्ध है।
डेली मेल की खबर के मुताबिक एमआरआईजी से बड़े प्रमस्तिष्कखंड और अधिक दोस्तों वाली जिंदगी के बीच सकारात्मक संपर्क पाया गया है।
मुख्य शोधकर्ता बॉस्टन के नोर्थ इस्टर्न विश्वविद्यालय के मनोविज्ञानी प्रो. लीजा बैरेट ने कहा कि ये निष्कर्ष सोशल ब्रेन थ्योरी के अनुरूप है जो यह कहता है कि मानव प्रतिस्कष्कखंड बढ़ते जटिल सामाजिक विश्व से निबटने के लिए विकसित हुआ है।
एक नए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि मस्तिष्क में बादाम के आकार का एक ऐसा प्रमस्तिष्कखंड होता है जो यह तय करता है कि व्यक्ति कितने दोस्त बना सकता है। यह खंड जितना बड़ा होगा व्यक्ति के दोस्तों का नेटवर्क उतना ही बड़ा होगा।
एक अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने 19 से 83 वर्ष के लोगों से प्रश्नावली के माध्यम से पूछा कि उसके कितने दोस्त हैं या कितने समूह से वह संबद्ध है।
डेली मेल की खबर के मुताबिक एमआरआईजी से बड़े प्रमस्तिष्कखंड और अधिक दोस्तों वाली जिंदगी के बीच सकारात्मक संपर्क पाया गया है।
मुख्य शोधकर्ता बॉस्टन के नोर्थ इस्टर्न विश्वविद्यालय के मनोविज्ञानी प्रो. लीजा बैरेट ने कहा कि ये निष्कर्ष सोशल ब्रेन थ्योरी के अनुरूप है जो यह कहता है कि मानव प्रतिस्कष्कखंड बढ़ते जटिल सामाजिक विश्व से निबटने के लिए विकसित हुआ है।
No comments:
Post a Comment