अगर आप धड़ल्ले से इंटरनेट बैंकिंग करते हैं, तो अब आपको काफी सतर्क रहने की जरूरत है। साइबर वर्ल्ड के अपराधियों की नजर अब उन लोगों पर है जो ऑनलाइन बैंकिंग का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने एक ऐसा खतरनाक वायरस तैयार कर लिया है जो न केवल अकाउंट से पैसा गायब कर देगा बल्कि उस रकम को आश्चर्यजनक रूप से आपके अकाउंट में दिखाता भी रहेगा। इससे अकाउंट होल्डर काफी समय तक यह पता भी नहीं चलेगा कि वह साइबर क्राइम का शिकार बन चुका है।
' स्पाईआई ट्रॉजन हॉर्स सॉफ्टवेयर' नामक वायरस के नए एडिशन के जरिए अमेरिका और ब्रिटेन में कुछ लोगों का अकाउंट साफ किया जा चुका है। यह विंडो आधारित कंप्यूटरों पर हमले कर रहा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे बचने के लिए इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल करने वाले लोगों को यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि उनके वेब ब्राउजर में 'ऐंटि फिशिंग ऑप्शन' सक्रिय है।
'ट्रस्टीयर' नाम की सिक्योरियी कंपनी ने इस तरह के हमलों का पता लगाया है। ब्रिटिश टैब्लॉइड' डेली मेल' के अनुसार कंपनी ने बताया है कि यह वायरस अकाउंट का पासवर्ड हैक कर लेता है और इसके बाद यह अकाउंट होल्डर के लॉग इन होने का इंतजार करता है। जैसे ही वह अकाउंट खोलता है यह काम करना शुरू कर देता है और रकम गायब होने लगती है। हालांकि, पैसा अकाउंट में ही दिखता रहता है। इसकी वजह से अकाउंट होल्डर को काफी दिनों तक भनक भी नहीं लगती है कि वह साइबर क्राइम का शिकार बन रहा है। यह हाईटेक वायरस ई-मेल के जरिए लोगों तक पहुंचाया जा रहा है।
हालांकि, इस वायरस के हमले से बचा भी जा सकता है। इसके लिए ब्राउजर को हमेशा अपडेट रखना होगा। वैसे तो यह अपने आप अपडेट होता रहता है, इसके बावजूद खुद भी ब्राउजर को अपडेट करते रहना चाहिए। साथ ही यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि ब्राउजर पर ऐंटी फिशिंग ऑप्शन बंद न हो। यह ब्लैकलिस्टेड वेबसाइट्स पर नजर रखेगा और नकली बैंक स्टेटमेंट को अकाउंट तक नहीं पहुंचने देगा।
' स्पाईआई ट्रॉजन हॉर्स सॉफ्टवेयर' नामक वायरस के नए एडिशन के जरिए अमेरिका और ब्रिटेन में कुछ लोगों का अकाउंट साफ किया जा चुका है। यह विंडो आधारित कंप्यूटरों पर हमले कर रहा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे बचने के लिए इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल करने वाले लोगों को यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि उनके वेब ब्राउजर में 'ऐंटि फिशिंग ऑप्शन' सक्रिय है।
'ट्रस्टीयर' नाम की सिक्योरियी कंपनी ने इस तरह के हमलों का पता लगाया है। ब्रिटिश टैब्लॉइड' डेली मेल' के अनुसार कंपनी ने बताया है कि यह वायरस अकाउंट का पासवर्ड हैक कर लेता है और इसके बाद यह अकाउंट होल्डर के लॉग इन होने का इंतजार करता है। जैसे ही वह अकाउंट खोलता है यह काम करना शुरू कर देता है और रकम गायब होने लगती है। हालांकि, पैसा अकाउंट में ही दिखता रहता है। इसकी वजह से अकाउंट होल्डर को काफी दिनों तक भनक भी नहीं लगती है कि वह साइबर क्राइम का शिकार बन रहा है। यह हाईटेक वायरस ई-मेल के जरिए लोगों तक पहुंचाया जा रहा है।
हालांकि, इस वायरस के हमले से बचा भी जा सकता है। इसके लिए ब्राउजर को हमेशा अपडेट रखना होगा। वैसे तो यह अपने आप अपडेट होता रहता है, इसके बावजूद खुद भी ब्राउजर को अपडेट करते रहना चाहिए। साथ ही यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि ब्राउजर पर ऐंटी फिशिंग ऑप्शन बंद न हो। यह ब्लैकलिस्टेड वेबसाइट्स पर नजर रखेगा और नकली बैंक स्टेटमेंट को अकाउंट तक नहीं पहुंचने देगा।
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