हमें इतना तो पता ही है कि मच्छर हमारा खून चूसने के लिए अपना डंक चुभोते हैं। जो मादा मच्छर हमें काटती हैं वे बहुत चालाक होती हैं क्योंकि हमारा खून चूसने के लिए वो बाल जितना महीन डंक हमारे शरीर में उतारती हैं।
पर इंसानों के खून में बहुत जल्दी थक्का बन जाता है और मच्छरों को खून चूसने में दिक्कत होती है।
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इससे बचने के लिए ही मादा मच्छर एक विशेष रसायन हमारे खून में मिला देती हैं और यह रसायन जहरीला होता है।
हालांकि इसकी मात्रा इतनी कम होती है कि इंसान को कोई खास फर्क नहीं पड़ता है। मच्छर, मधुमक्खी और मक्खियां जब आपको काटती है तो यही कारण होता है कि हमें खुजली होती है।
जिस जगह मधुमक्खी काटती है उस जगह के जहर से मुकाबला करने के लिए शरीर से हिस्टामिन का स्त्रावण होता है जो उसे बूंद से भी कम जहर का खात्मा कर देता है।
पर इंसानों के खून में बहुत जल्दी थक्का बन जाता है और मच्छरों को खून चूसने में दिक्कत होती है।
हालांकि इसकी मात्रा इतनी कम होती है कि इंसान को कोई खास फर्क नहीं पड़ता है। मच्छर, मधुमक्खी और मक्खियां जब आपको काटती है तो यही कारण होता है कि हमें खुजली होती है।
जिस जगह मधुमक्खी काटती है उस जगह के जहर से मुकाबला करने के लिए शरीर से हिस्टामिन का स्त्रावण होता है जो उसे बूंद से भी कम जहर का खात्मा कर देता है।
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