Monday, 9 January 2012

दुनिया खत्म होने की आशंका के बीच मनाया नववर्ष 2012 में दुनिया खत्म हो जाने की आशंका


विश्व भर के अवाम ने पर्थ से लेकर वॉशिंगटन तक अलग-अलग समय पर अपने अपने अंदाज में बाहें फैलाकर जश्न मनाकर 2012 के उस वर्ष का स्वागत किया जिसमें दुनिया के खत्म हो जाने की आशंकाएं लंबे वक्त से की जाती रही हैं।

पृथ्वी के सुदूर पूर्व में स्थित देशों ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और दक्षिण प्रशांत में पड़ने वाले टापू देशों ने वर्ष 2012 का सबसे पहले स्वागत किया। जैसे-जैसे रात की खामोशी के बीच वक्त सरकर पश्चिम के देशों की ओर बढ़ रहा था वैसे-वैसे आसमान में रंगीन आतिशबाजी से उसका स्वागत किया गया। विश्व के 2012 में खत्म हो जाने की आशंकाएं पुराने समय से आस्तित्व में रही हैं।

माया सभ्यता के अनुसार 21 दिसंबर 2012 को पूरा विश्व एक जलजले में खत्म हो जाएगा। माया सभ्यता में मान्यता थी कि दुनिया 5125 वर्ष पुरानी है और 21 दिसंबर को कुछ ऐसा बड़ा होगा जो इस दुनिया के अंत का सबब बनेगा। लातिन भविष्यवक्ता नास्त्रेदामस ने भी 500 वर्ष पहले कुछ ऐसी ही भविष्यवाणी की थी। हालांकि ऐसा लग रहा था कि दुनिया के खत्म होने की आशंकाओं के बीच लोग जिंदगी का जश्न मना लेना चाहते हों।

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ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर पर जहां बादलों का आकार लिए हुए आतिशबाजी और उसके बीच में सिडनी ब्रिज को इंद्रधनुष जैसा जगमगा कर नववर्ष का जश्न मनाया गया, वहीं भयंकर राजनीतिक उथल-पुथल के केंद्र में चल रही रूस की राजधानी मास्को के आसमान पर सुर्ख आतिशबाजी ने जगह ली। 

अमेरिका में न्यूयॉर्क के टाइम्स स्कावयर पर भी हजारों लोग बीते वर्ष को विदाई देने के लिए जमा हुए थे। कई न्यूयॉर्क वासी शनिवार सुबह से ही पार्टी में पहनी जाने वाली टोपियां और 2012 के चश्मे लगाकर घूमते देखे गए थे।

न्यूयार्क का मौसम भी आम दिनों के मुकाबले काफी खुशनुमा और गर्म था। चीन की संवाद एजेंसी शिन्हुआ ने बताया कि नववर्ष के अवसर पर एक बड़ी संख्या में इंटरनेट उपभोक्ताओं ने इंटरनेट की मदद से दुनिया के अंत जैसे विषयों पर सर्च किया। 

हालांकि दुनिया के खत्म होने की इस अटकलबाजी के बीच अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी (नासा) ने इस बारे में लोगों का भय दूर करते हुए कहा कि दुनिया को 2012 में कुछ भी नहीं होने जा रहा है।